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आंध्र प्रदेश में बाढ़ के कहर ने लिया विकराल रूप, हर जगह आफत ही आफत

पिछले 100 सालों में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने इतनी त्रासदी नहीं देखी थी, जितनी इस साल हुई है. गोदावरी में 25 लाख क्यूसेक पानी का रिकॉर्ड टूट गया है, जो बांध सिर्फ 17 लाख क्यूसिक क्षमता उठा सकता है, उसपर 25 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी का दबाव है.

Updated on: 18 Jul 2022, 09:11 PM

हैदराबाद:

पिछले 100 सालों में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने इतनी त्रासदी नहीं देखी थी, जितनी इस साल हुई है. गोदावरी में 25 लाख क्यूसेक पानी का रिकॉर्ड टूट गया है, जो बांध सिर्फ 17 लाख क्यूसिक क्षमता उठा सकता है, उसपर 25 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी का दबाव है. हालात इतने खराब है कि जितने भी जिले गोदावरी से जुड़े थे, उनके निचले इलाके पानी से बह गए. जिला कोनासीमा के बुरुगु लंका में गोदावरी का पानी आफत लेकर आया है. पूरा का पूरा बुरुगु लंका डूब चुका है.

बाढ़ त्रासदी में समा चुके हैं दर्जन भर गांव 
ड्रोन की मदद से लिया गया ये वीडियो न्यूज़ नेशन आप तक लेकर आया है जिसमें साफ दिख रहा है कि लोग फसे हुए हैं लोगों ने छतों पर पनाह ली हुई है - पानी की टंकी भी डूब चुकी है , ड्रोन से ये तस्वीर भयानक है ऐसा नहीं लगता कि जल्द आंध्र प्रदेश के इस इलाके से पानी जाएगा. एनडीआरएफ की टीम भी ड्रोन की मदद से पहले जांच कर रही है. एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट अखिलेश भी जांच करके आगे बढ़ने का प्लान बना रहे हैं. ऐसा नहीं लगता कि आंध्र ओरदेश में बाढ़ का खतरा कम हो गया है. गोदावरी नदी अब भी खतरों के निशान को ऊपर बह रही है. इसके साथ ही आगे भी बारिश की संभावना बनी हुई है. मौसम विभाग की माने तो महाराष्ट्र के कई इलाकों में बारिश होगी और ऐसी संभावना है कि 20 जुलाई के बाद मौसम में बड़ा बदलाव एक बार फिर होगा.

हालात को देखते हुए  लोगों की मदद के लिए आंध्र प्रदेश सरकार खाने-पीने के लिए अनाज और पानी भिजवा रही है. लेकिन, प्रशासन की इस मदद से लोग थोड़ा नाराज़ दिख रहे हैं. खाने के पैकेट्स पानी ज़रूर मिल रहा है, लेकिन लोगों को अपने घर जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. नाव से जाने के लिए घंटो-घंटो तक इंतज़ार करना होता है जिससे खास मुश्किलों का सामना आंध्र प्रदेश के लोग कर रहे हैं.