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तमिलनाडु का सियासी सस्पेंस: एमके अलागिरी जनवरी में लॉन्च कर सकते हैं नई पार्टी

तमिलनाडु में अगले साल वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक उठा पटक जारी है. एक बार फिर डीएमके के पूर्व प्रमुख एमके अलागिरी (MK Alagiri) सियासी वापसी को लेकर चर्चा में बने हुए हैं.

Updated on: 24 Dec 2020, 04:24 PM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में अगले साल वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक उठा पटक जारी है. एक बार फिर डीएमके के पूर्व प्रमुख एमके अलागिरी (MK Alagiri) सियासी वापसी को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. एमके अलागिरी तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम करुणानिधि के बड़े बेटे हैं. पार्टी से उन्हें निष्कासित कर दिया गया था. वहीं, अभिनेता रजनीकांत (Rajini kanth) की राजनीति में एंट्री को लेकर भी जनता कयास लगा रही है.
 
यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे एमके अलागिरी ने गोपालपुरम निवास में इलाज करा रहीं अपनी मां दयालु अम्माल से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि तीन जनवरी को वह समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करेंगे और नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने पर फैसला लेंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर मेरे समर्थक चाहते हैं कि मैं नई पार्टी लॉन्च करूं तो ऐसा मैं जरूर करूंगा, लेकिन किसी भी कीमत में डीएमके का सपोर्ट नहीं करूंगा. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि डीएमके की तरफ से मुझे दोबारा पार्टी ज्वाइंन करने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी ने एमके अलागिरी को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए काफी कोशिश की थी. राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी राह तैयार करने में लगी है. अलागिरी ने रजनीकांत से मुलाकत पर कहा- उन्हें पता चला है कि अभिनेता अभी अनाथी की शूटिंग कर रहे. उन्होंने कहा कि वे एक बार हैदराबाद से वापस लौटेंगे तो मैं उनसे मुलाकात करूंगा.

एमके अलागिरी को छोटे भाई एमके स्टालिन से विवाद के चलते उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. हालांकि, निष्कासन से पहले उन्हें पार्टी का बड़ा नाम समझा जाता था. पहले चुनावी गठबंधन से लेकर प्रचार तक पार्टी के फैसलों पर उनकी इच्छा का खासा प्रभाव होता था. पार्टी के सूत्रों के अनुसार, अपने छोटे भाई के पार्टी में बढ़ते कद और पिता के मिलते समर्थन को देखकर अलागिरी का मोहभंग हो गया था.