One Nation, One Language के विरोध में उतरे रजनीकांत, कहा- हिंदी थोपी गई तो पूरा दक्षिण भारत करेगा विरोध
इससे पहले तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी मक्कल निधि माईम के प्रमुख और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता कमल हासन भी वन नेशन वन लेंग्वेज का विरोध कर चुके हैं
नई दिल्ली:
सुपरस्टार रजनीकांत ने वन नेशन वन लेंग्वेज का विरोध किया है. उन्होंने बुधवार को कहा, हिंदी को नहीं थोपा जाना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो न केवल तमिलनाडु बल्कि दक्षिण भारत के सभी राज्य इसका विरोध करेंगे. देश को एकजुट रखने के लिए किसी एक कॉमन लेंग्वेज का होना जायज है लेकिन इसे थोपा जाना गलत है.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के ये घुसपैठिए चट कर जा रहे हैं 35000 लोगों का खाना, राजस्थान के इतने जिले प्रभावित
Rajinikanth: Hindi shouldn't be imposed. Not just Tamil Nadu but none of the southern states will accept imposition of Hindi. Not only Hindi, no language should be imposed. If there's a common language it's good for country's unity&progress but forcing a language isn't acceptable pic.twitter.com/cP3KzihTgw
— ANI (@ANI) September 18, 2019
इससे पहले तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी मक्कल निधि माईम के प्रमुख और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता कमल हासन भी वन नेशन वन लेंग्वेज का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने कहा था, हम एक बार फिर दोहराना चाहेंगे कि तमिल हमारा गौरव है और हम इसे नहीं छोड़ेंगे. जब यह एक गणराज्य बना तब इसे संरक्षित करने के लिए हमसे वादा किया गया था. हम कई भाषाओं को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं लेकिन हिन्दी वह भाषा है जिसका हम विरोध करेंगे.
यह भी पढ़ें: भारत में आतंकी चंद्रमा से नहीं पाकिस्तान से आते हैं, जानें किसने कही ये बात
इसके पहले कमल हासन ने ट्वीट करते हुए कहा था कि देश में एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता. ऐसा होने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा. कमल हासन ने कहा कि कोई शाह, सुल्तान या सम्राट अचानक वादा नहीं तोड़ सकता. 1950 में जब भारत गणतंत्र बना तो ये वादा किया गया था कि हर क्षेत्र की भाषा और संस्कृति का सम्मान किया जाएगा.