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केरल में बढ़ रहे मम्प्स के मामले, राज्य सरकार ने जारी किया अलर्ट

इस बीमारी के बारे में हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अमेरिका में 1967 में ही वैक्सिन लगना शुरू हो गया था.

Updated on: 14 Mar 2024, 09:24 PM

नई दिल्ली:

केरल में एक बार फिर मम्प्स ने पांव पसरना शुरू कर दिया है. राज्य में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीमारी की चपेट में बच्चे आ रहे हैं. आपको बता दें कि केरल में सिर्फ 10 मार्च को ही मम्प्स के 190 नए मामले सामने आए है. वहीं, पिछले महीने केरल में 2000 के अधिक केस सामने आए थे. इतना ही नहीं इस दौरान आसपास के राज्य में मामले सामने देखनो को मिल रहे हैं. मामला बढ़ते हुए देखने के बाद प्रशासन की ओर से पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है. 

मम्प्स बीमारी रूबेला वायरस फैमली का है. ये एक तेजी से फैलने वाला संक्रामक बीमारी है. ये बीमारी एक शख्स से दूसरे से फैलता है. वहीं, हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि खांसने और छींकने से मम्प्स फैलता है. शुरुआत में इसे सिमटम साधारण फ्लू जैसा होता है. जिसमें बुखार आना, सिरदर्द के जोड़ों में दर्द होता है. इसके बाद फेस के दोनों साइड पैराटिड ग्लैंड सूजन हो जाती है. इस सूजन की वजह से रोगी को काफी दर्द का सामना करना पड़ता है. 

इस बीमारी के बारे में हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अमेरिका में 1967 में ही वैक्सिन लगना शुरू हो गया था. वहीं, भारत में भी इस बीमारी से बचने के लिए वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया था. इसका परिणाम ये हुआ कि बीमारी में 90 फिसदी की कमी हो गई. वर्तमान समय में वहीं लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. जिनको वैक्सीन नहीं लगा है. वहीं, इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को हाइजीन का ख्याल रखना चाहिए. 

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है ये हर साल होता है. लेकिन, इसे कभी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. किसी को भी इसके लक्षण दिखाई दे तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क कर जांच करा लें. अगर इलाज में देरी होती है तो दिमाग में सूजन और इसके अंदर सूजन होने लगता है. ये गंभीर अवस्था है जिसमें रोगी की जान भी जा सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि केरल में अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्विलांस और चेकअप बढ़िया है. इसलिए यहां सही आंकड़े पेश हो रहे हैं.