Mesta death case: कर्नाटक कोर्ट ने CBI की रिपोर्ट पर आपत्ति की अनुमति दी
एक बड़े घटनाक्रम के तहत कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ की एक अदालत ने गुरुवार को 2017 में एक सांप्रदायिक झड़प के दौरान परेश मेस्ता की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दे दी. मृतक के पिता, कमलाकर मेस्ता ने क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी और होन्नावर शहर में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) में एक सबमिशन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि वह केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं.
उत्तर कन्नड़ (कर्नाटक):
एक बड़े घटनाक्रम के तहत कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ की एक अदालत ने गुरुवार को 2017 में एक सांप्रदायिक झड़प के दौरान परेश मेस्ता की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दे दी. मृतक के पिता, कमलाकर मेस्ता ने क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी और होन्नावर शहर में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) में एक सबमिशन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि वह केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं.
विचार करते हुए अदालत ने मेस्ता के परिवार के सदस्यों को 21 दिसंबर को आपत्तियां प्रस्तुत करने की अनुमति दी है. कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने भी कहा था कि युवक के पिता की मांग को देखते हुए सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट की फिर से जांच के लिए समीक्षा की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए परेश मेस्ता की संदिग्ध मौत की समीक्षा करने की जरूरत है.
चार्जशीट में कहा गया है कि 6 दिसंबर, 2017 को होन्नावर शहर में सांप्रदायिक झड़प के दौरान मेस्ता की शेट्टीकेरे झील में फिसलकर गिरने से मौत हो गई थी. दो दिन बाद उसका शव वहां मिला था. इसमें जिक्र है कि मेस्ता दोस्तों के साथ करीब 25 किमी का सफर तय कर कुमटा शहर में तत्कालीन सीएम सिद्धारमैया के कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
भाजपा और हिंदू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भीड़ की हिंसा में युवक की मौत हुई और बाद में हत्यारों ने शव को फेंक दिया. इस मुद्दे को 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान प्रमुख मुद्दे के रूप में पेश किया गया था. भाजपा, जो तब विपक्ष में थी. उसने सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था, जिससे उसे 2018 के विधानसभा चुनावों में झटका लगा, और बीजेपी को फायदा हुआ.
हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हिंदू कार्यकर्ताओं ने आईजीपी की गाड़ी में आग लगा दी थी. पुलिस पर पथराव किया गया और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई राजनीतिक नेताओं ने मेस्ता के घर का दौरा किया था. सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट