केरल में कोरोना वायरस के तीन पॉजिटीव मामले सामने आए हैं जिसके बाद राज्य में इसे आपदा घोषत कर दी गई है. दरअसल चीन के वुहान विश्वविद्यालय से केरल के एक और छात्र के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद भारत में सोमवार को इस रोग का तीसरा मामला दर्ज किया गया और केरल की एलडीएफ सरकार ने इस महामारी को ‘राज्य आपदा’ घोषित कर दिया. राज्य से कोरोना वायरस के तीसरे मामले की पुष्टि के कुछ घंटे बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सलाह पर इस संक्रामक रोग को ‘राज्य आपदा’ घोषित करने का निर्णय लिया गया है.
राज्य में 2000 से अधिक लोग घरों और अस्पतालों में डॉक्टरों की निगरानी में हैं. शैलजा ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इस बीमारी को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जा सकें. प्रधान स्वास्थ्य सचिव रंजन खोबरागड़े ने कहा कि केरल में स्थिति को ‘आपदा’ के रूप में घोषित करने के साथ ही पूरी सरकारी मशीनरी स्थिति से निपटने के लिए कमर कस लेगी और छुट्टी पर गये चिकित्सा अधिकारी काम पर लौट आयेंगे. मुख्य सचिव टॉम जोस की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शीर्ष समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
यह भी पढ़ें: Auto Expo 2020 में दिख रहा कोरोना का खौफ, कई चीनी कंपनियों ने रद्द किया अपना दौरा
इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा में कहा था कि एक मेडिकल छात्र इस वायरस से संक्रमित होने वाला तीसरा व्यक्ति हो गया है और वह कसारगोड के कान्हानगाड जिला अस्पतला में पृथक वार्ड में है. पिछले कुछ दिनों में त्रिशूर और अलप्पुझा में राज्य के दो विद्यार्थी में इस विषाणु की पुष्टि हुई है. उनमें से एक मेडिकल छात्रा है. शैलजा ने कहा कि पुष्टि किए गये इन तीनों का स्वास्थ्य संतोषजनक है. उन्होंने कहा, ‘अबतक, कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले 2,239 लोगों की पहचान की गयी है और उन्हें राज्य में निगरानी में रखा गया है. उनमें से 2155 के लिए घरो में अलग रहने का इंतजाम कराया गया है और 84 पृथक वार्ड में हैं.’
स्वास्थ्य विभाग ने 82 ऐसे लोगों की पहचान की है जो इन तीन मरीजों के संपर्क में आये थे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनमें से 40 त्रिशूर से हैं और बाकी अन्य जिलों से. उन्होंने कहा, ‘कुछ को पृथक वार्ड में रखा गया है जबकि बाकी को घरों में अलग से रहने का इंतजाम कराया गया है.’ शैलजा ने उन लोगों पर नाराजगी प्रकट की जिन्होंने चीन से लौटने के बाद प्रशासन को रिपोर्ट नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह खतरनाक बात है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य प्रशासन ने केंद्र सरकार से मसूरी के प्रशिक्षण संस्थान में जिलाधिकारियों के वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को रद्द करने का अनुरोध किया है.
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर कैबिनेट सचिव ने की समीक्षा बैठक
कोरोना वायरस को राज्य आपदा घोषित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग किसी पोजिटिव मामले के आने का इंतजार नहीं करेगा और सभी जिले उसी गंभीरता के साथ स्थिति से निपटने में जुट जायेंगे. शैलजा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी में चल रहे लोगों और उनके परिवारों को मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सेवा प्रदान करने के लिए उनके साथ बातचीत करने के लिए 178 परामर्शदाताओं की सेवा ली है. सोमवार रात को जारी एक मेडिकल बुलेटिन के अनुसार 140लोगों के नमूने परीक्षण के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में भेजे गये जिनमें से 46 के नतीजे निगेटिव आये हैं। तीन के पोजिटिव नतीजे हैं. बाकी के परिणाम का इंतजार है.