निपाह वायरस : केरल में 5 लोगों को अलग रखा गया, 311 निगरानी में
जिन तीन नर्सो ने निपाह वायरस से पीड़ित का इलाज किया था, उन्हें तथा एक अन्य व्यक्ति को सबसे अलग रखा गया है. यहां के पास कलमसेरी हॉस्पिटल के एक वार्ड में युवक का इलाज जारी है.
highlights
- इलाज करने वाली नर्सों को अलग रखा गया
- पांच लोगों के नमूने लैब में भेजे गए
- लोगों ने न घबराने की अपील, तुरंत डाक्टर से लें सलाह
कोच्चि:
केरल (Kerala) की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने बुधवार को कहा कि निपाह वायरस (Nipah Virus) का इलाज करा रहे युवक की हालत स्थिर है. उन्होंने साथ ही कहा कि जिन तीन नर्सो ने उसका इलाज किया था, उन्हें तथा एक अन्य व्यक्ति को सबसे अलग रखा गया है. यहां के पास कलमसेरी हॉस्पिटल के एक वार्ड में युवक का इलाज जारी है. शैलजा ने कहा, "कुल 311 लोगों का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है और चार को छोड़कर शेष सभी की स्वास्थ्य विशेषज्ञ उनके घरों में ही देखरेख कर रहे हैं. अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन 311 में से कितने लोग निपाह वायरस से पीड़ित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आए थे."
शैलजा ने कहा, "अलग किए गए पांच लोगों के नमूने विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेज दिए गए हैं और उनकी जांच रिपोर्ट कल (गुरुवार) या उसके अगले दिन आ सकती है. प्राथमिक जांच में इन पांच लोगों में से कोई भी गंभीर अवस्था में नहीं पाया गया, लेकिन हम अंतिम परिणाम आने तक इंतजार करेंगे." युवक की जांच रिपोर्ट मंगलवार को आ गई थी जिसमें वह निपाह पॉजिटिव पाया गया था. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में व्यापक अभियान छेड़ा हुआ है.
लोगों से ना घबराने के लिए कहा गया है लेकिन बुखार बढ़ने पर तुरंत चिकिस्तक से सलाह लेने के लिए कहा गया है. शैलजा ने कहा कि केंद्र की एक पेशेवर टीम पहले से ही यहां मौजूद है और उनका मुख्य काम निपाह वायरस के स्रोत की पहचान करना है.
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