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Covid-19 पर बोले कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री: हमें सिर्फ भगवान ही बचा सकते हैं, बाद में दी ये सफाई

कर्नाटक में कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु ने कहा है कि राज्य को केवल भगवान ही बचा सकते हैं.

Updated on: 16 Jul 2020, 07:13 PM

बेंगलुरु:

कर्नाटक में कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु ने कहा है कि राज्य को केवल भगवान ही बचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि महामारी को फैलने से रोकने के लिए जनता का सहयोग आवश्यक है. राज्य सरकार के कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में विफल रहने के कांग्रेस के आरोपों के बाद चित्रदुर्ग में बुधवार को मंत्री ने यह बयान दिया. मंत्री ने बाद में कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया.

श्रीरामुलु ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि बताइये यह (महामारी को नियंत्रित करने का) किसका काम है. केवल भगवान ही हमें बचा सकते हैं. लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना ही एकमात्र उपाय है. ऐसी स्थिति में, कांग्रेस के नेता राजनीति के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं. यह किसी के लिए ठीक नहीं है. श्रीरामुलु, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आरोपों का जवाब दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि श्रीरामुलु और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ के सुधाकर के बीच तालमेल न होने से राज्य सरकार कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में विफल रही है.

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि महामारी देश में तेजी से फैल रही है और अगले दो महीने अत्यधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि महामारी सत्ताधारी दल और विपक्षी दल के सदस्यों में भेदभाव नहीं करती. श्रीरामुलु ने बुधवार को दिए अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनका मंतव्य यह था कि जब तक कोविड-19 का टीका नहीं बन जाता तब तक भगवान ही हमारी रक्षा कर सकते हैं.

उन्होंने बुधवार देर रात को एक वीडियो संदेश में कहा कि मैंने कहा था कि लोगों के सहयोग के अलावा भगवान को भी हमारी रक्षा करनी चाहिए, लेकिन मीडिया के एक वर्ग ने इसका यह अर्थ निकाला कि श्रीरामुलु कोरोना वायरस फैलने को लेकर असहाय हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह कहने के पीछे मेरा मंतव्य था कि जब तक टीका नहीं आ जाता, भगवान ही हमें बचा सकते हैं. इसे गलत तरीके से पेश नहीं किया जाना चाहिए.