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Karnataka HC ने PFI पर प्रतिबंध को चुनौती देनी वाली याचिका खारिज की

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध को लेकर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज कर दिया और इस संबंध में केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा. याचिका कर्नाटक पीएफआई इकाई के अध्यक्ष नासिर पाशा द्वारा दायर की गई थी. न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने इसे खारिज कर दिया.

Updated on: 30 Nov 2022, 05:04 PM

बेंगलुरु:

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध को लेकर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज कर दिया और इस संबंध में केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा. याचिका कर्नाटक पीएफआई इकाई के अध्यक्ष नासिर पाशा द्वारा दायर की गई थी. न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने इसे खारिज कर दिया.

महत्वपूर्ण व्यक्तियों की हत्या की साजिश रचने, देश विरोधी गतिविधियों की योजना बनाने और आतंकी संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंध रखने के आरोप में केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था. नासिर पाशा ने इस फैसले पर सवाल उठाया था और हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया था और आज याचिका को खारिज कर दिया.

याचिकाकर्ता की ओर से बहस करने वाले वकील जयकुमार एस पाटिल ने प्रस्तुत किया कि केंद्र सरकार ने बिना वैध कारण बताए पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया. सरकार को ऐसा फैसला लेने की वजह बतानी चाहिए थी. यूएपीए अधिनियम के खिलाफ और अपनी दलीलें रखने के लिए कोई समय दिए बिना प्रतिबंध लगा दिया गया था.

केंद्र सरकार की ओर से दलील देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पीएफआई देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि पीएफआई हिंसा में शामिल है और इसके सदस्य समाज में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.