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संकट में कर्नाटक सरकारः स्पीकर ने विधानसभा में कहा- राज्यपाल की इच्छा है कि आज ही वोटिंग हो

कर्नाटक की राजनीतिक संकट पर राज्यपाल ने स्पीकर से कहा, सदन में विश्वास प्रस्ताव विचाराधीन है.

Updated on: 18 Jul 2019, 05:48 PM

नई दिल्ली:

कर्नाटक की राजनीतिक संकट पर राज्यपाल ने स्पीकर से कहा, सदन में विश्वास प्रस्ताव विचाराधीन है. स्पीकर आज शाम तक वोटिंग पर विचार करें. बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा, भले ही आधी रात हो जाए लेकिन वोटिंग आज ही होनी चाहिए. राज्यपाल के बयान के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने कहा, राज्यपाल की इच्छा है कि आज ही वोटिंग हो.

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राज्यपाल के दफ्तर से एक विशेष अधिकारी स्पीकर रमेश कुमार से मुलाकात करने के लिए विधानसभा पहुंचा है. इससे पहले बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. स्पीकर रमेश कुमार ने विधानसभा में कहा, कि राज्यपाल ने मैजेस दिया है. इसको मैं विधानसभा में पढ़ूंगा. स्पीकर ने बताया कि राज्यपाल ने संदेश में कहा है कि आज विश्वास मत पर वोटिंग के लिए विचार करें. उन्होंने विश्वास मत पर विचार के लिए कहा है. राज्यापल ने निर्देश नहीं दिया है, इच्छा जताई है. ये सभी बातें राज्यपाल ने स्पीकर को भेजे अपने संदेश में कही थी, जिसको स्पीकर ने विधानसभा में पढ़ा है.

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बीजेपी नेता और पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा सभी को समय दें. चाहे रात के 12 ही क्यों न बज जाएं. अगर आप इससे सहमत हैं तो कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं को समय दे दें. बीजेपी सिर्फ 5 मिनट के लिए बोलेगी. जरूरत है तो मतदान के साथ आज इसे खत्म करें. वहीं, कुमारस्वामी सरकार में मंत्री कृष्णा गौड़ा ने कहा कि राज्यपाल ने एक संदेश भेजा है और आपने उसके पढ़ लिया है. हमने विश्वास मत लिया है और कुछ कानूनी पहलू हैं. प्रस्ताव पहले से ही विचाराधीन है. विश्वास मत जो विधानसभा का भविष्य तय करेगा. इस पर चर्चा करना सदन के सदस्यों का अधिकार और विशेषाधिकार है.

कांग्रेस के एचके पाटिल ने कहा कि राज्यपाल ने भले ही निर्देश नहीं भेजा हो, हो सकता है कि यह गलत संदेश भेजा गया हो, लेकिन विधानसभा में हस्तक्षेप के लिए ये काफी है. राज्यपाल को सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हमने देखा है कि राज्यपाल का प्रतिनिधि यहां मौजूद है, हम उस व्यक्ति का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें इसका पता होना चाहिए था.

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बता दें कि पिछले करीब दो हफ्ते से कर्नाटक में जारी सियासी ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 16 विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच कुमारस्वामी ने एक वाक्य का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सदन उनके नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी सरकार में विश्वास व्यक्त करता है.

विश्वास मत का प्रस्ताव पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि बागी विधायकों ने गठबंधन सरकार को लेकर पूरे देश में संदेह पैदा कर दिया और हमें सच्चाई बतानी है. उन्होंने कहा, पूरा देश कर्नाटक के घटनाक्रम को देख रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा, उनके (बागी विधायकों के) इस्तीफे तो एक वाक्य में थे कि उनका इस्तीफा वाजिब और स्वेच्छा से दिया हुआ है, जबकि उच्चतम न्यायालय में उन्होंने कहा कि राज्य भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है. जैसे ही सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया गया विपक्षी भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा ने खड़े होकर कहा कि विश्वास मत की प्रक्रिया एक ही दिन में पूरी की जानी चाहिए.

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कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा पर कटाक्ष करते हुए कहा, लगता है नेता प्रतिपक्ष जल्दबाजी में हैं. बताया जा रहा है कि भाजपा को इस बात की आशंका है कि सत्तारूढ़ गठबंधन चर्चा को ज्यादा से ज्यादा लंबा खींच सकता है ताकि उसे विश्वास मत पर मतदान से पहले ज्यादा से ज्यादा संख्याबल जुटाने का समय मिल सके. सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें उस वक्त और बढ़ गईं जब कांग्रेस के एक अन्य विधायक श्रीमंत पाटिल सदन से गैर-हाजिर दिखे. उनके बारे में ऐसी खबरें आ रही हैं कि उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

गौरतलब है कि 12 बागी विधायक मुंबई के ही एक होटल में ठहरे हुए हैं. कांग्रेस-जद(एस) सरकार को समर्थन दे रहे बसपा विधायक महेश भी सदन में नहीं आए. उनके बारे में खबरें आ रही हैं कि वह सदन से गैर-हाजिर इसलिए हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास मत पर कोई रुख तय करने को लेकर पार्टी प्रमुख मायावती से कोई निर्देश नहीं मिला है.