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कोरोना संक्रमण को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने जारी किए ये नए नियम

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के मुताबिक, अब केरल से कर्नाटक आने वाले सभी यात्रियों को कोरोना नेगेटिव आरटी-पीसीआरसर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य होगा.

Updated on: 16 Feb 2021, 09:23 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (CoronaVirus) के संक्रमण को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के मुताबिक, अब केरल से कर्नाटक आने वाले सभी यात्रियों को कोरोना नेगेटिव आरटी-पीसीआर सर्टिफिकेट (RT-PCR certificate)  दिखाना अनिवार्य होगा. कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी. कर्नाटक सरकार के बयान के मुताबिक, केरल से आने वाले और होटल, रिसॉर्ट, हॉस्टल, होम स्टे आदि जैसी जगहों पर चेक इन करने वाले सभी लोगों को अनिवार्य रूप से कोरोना नेगेटिव आरटी-पीसीआर सर्टिफिकेट दिखाना होगा, जो कि 72 घंटे से अधिक पुराना न हो.

कर्नाटक के साथ ही केरल सरकार ने भी ऐसा ही गाइडलाइन जारी किया है. इसके मुताबिक केरल में आने वाले सभी व्‍यक्तियों को कोरोना आरटीपीसीआर टेस्‍ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. ये रिपोर्ट 72 घंटे के अंदर का होना चाहिए.

बता दें कि पूरे कर्नाटक राज्‍य की बात करें तो अब तक 9,45,638 लोगों को संक्रमित पाया गया है. बीते 9 फरवरी को देश में 9,110 नए मामले दर्ज हुए थे, जो कि इस साल के सबसे कम दैनिक मामले थे. वहीं पिछले साल 3 जून को साल 2020 के सबसे कम 9,633 मामले दर्ज किए गए थे.

कोविड-19 से हुई मौतों की बात करें तो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में 81 रोगियों की मौत हुई है. इसके बाद मरने वालों का कुल आंकड़ा 1,55,813 हो गया है.

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मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इसी अवधि में 11,805 लोग डिस्चार्ज भी हुए. इसके साथ ही डिस्चार्ज हुए रोगियों की कुल संख्या 1,06,33,025 हो गई है. वहीं देश में अभी 1,36,872 सक्रिय मामले हैं. कोविड से रिकवरी की दर 97.32 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.43 प्रतिशत हो गई है.

मंत्रालय ने यह भी बताया कि सोमवार को 6,15,664 नमूनों का परीक्षण किया गया था. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) अब तक कुल 20,73,32,298 नमूनों का परीक्षण कर चुकी है.

बता दें कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 87,20,822 वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो टीकाकरण के मामले में भारत दुनिया का सबसे तेज देश बन गया है. जबकि कई देश भारत से पहले ही टीकाकरण अभियान शुरू कर चुके थे.