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कर्नाटक विधानसभा में विधायकों का हंगामा (ANI)
कर्नाटक में सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को काफी हंगामे के बाद कर्नाटक विधानसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है. इसके विरोध में बीजेपी के सभी विधायक रातभर सदन में हंगामा करेंगे. राज्यपाल के संदेश के बाद विधानसभा के स्पीकर ने आज विश्वासमत पर कोई फैसला नहीं लिया है. अंत में उन्होंने विधानसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया.
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कर्नाटक विधानसभा में आज विश्वास मत पर वोटिंग नहीं हो पाई है. कल यानि शुक्रवार को 11.30 बजे दोबारा सीएम एचडी कुमारस्वामी विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने की कोशिश करेंगे. इसके विरोध में कर्नाटक के बीजेपी विधायकों ने फैसला लिया कि वह रातभर में विधानसभा में ही सोएंगे. बता दें कि कर्नाटक की राजनीतिक संकट पर राज्यपाल ने स्पीकर से कहा, सदन में विश्वास प्रस्ताव विचाराधीन है. स्पीकर आज शाम तक वोटिंग पर विचार करें.
Bengaluru: BJP MLAs to sit on an over night 'dharna' in the state assembly demanding that the Speaker replies to the Governor's letter and holds a floor test. Assembly adjourned for the day. #Karnatakapic.twitter.com/shZJisDiVM
— ANI (@ANI) July 18, 2019
राज्यपाल के दफ्तर से एक विशेष अधिकारी स्पीकर रमेश कुमार से मुलाकात करने के लिए विधानसभा पहुंचा है. इससे पहले बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. स्पीकर रमेश कुमार ने विधानसभा में कहा, कि राज्यपाल ने मैजेस दिया है. इसको मैं विधानसभा में पढ़ूंगा. स्पीकर ने बताया कि राज्यपाल ने संदेश में कहा है कि आज विश्वास मत पर वोटिंग के लिए विचार करें. उन्होंने विश्वास मत पर विचार के लिए कहा है. राज्यापल ने निर्देश नहीं दिया है, इच्छा जताई है.
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बीजेपी नेता और पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने विधानसभा में कहा कि सभी को समय दें. चाहे रात के 12 ही क्यों न बज जाएं. अगर आप इससे सहमत हैं तो कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं को समय दे दें. बीजेपी सिर्फ 5 मिनट के लिए बोलेगी. जरूरत है तो मतदान के साथ आज इसे खत्म करें. वहीं, कुमारस्वामी सरकार में मंत्री कृष्णा गौड़ा ने कहा कि राज्यपाल ने एक संदेश भेजा है और आपने उसके पढ़ लिया है. हमने विश्वास मत लिया है और कुछ कानूनी पहलू हैं. प्रस्ताव पहले से ही विचाराधीन है. विश्वास मत जो विधानसभा का भविष्य तय करेगा. इस पर चर्चा करना सदन के सदस्यों का अधिकार और विशेषाधिकार है.
कांग्रेस के एचके पाटिल ने कहा कि राज्यपाल ने भले ही निर्देश नहीं भेजा हो, हो सकता है कि यह गलत संदेश भेजा गया हो, लेकिन विधानसभा में हस्तक्षेप के लिए ये काफी है. राज्यपाल को सदन की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हमने देखा है कि राज्यपाल का प्रतिनिधि यहां मौजूद है, हम उस व्यक्ति का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें इसका पता होना चाहिए था.