तेलंगाना में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के 12 विधायक हैदराबाद में तेलंगाना विधानसभा स्पीकर पोचरम श्रीनिवास रेड्डी से मिले. बृहस्पतिवार को स्पीकर से मुलाकात कर कांग्रेस के सभी 12 विधायक ने विलय को लेकर प्रतिवेदन दिया. विधायक सत्तारूढ़ दल तेलंगाना राष्ट्र समिति में शामिल होना चाहते हैं. बता दें कि कांग्रेस के 11 विधायकों ने मार्च में ही घोषणा कर दी थी कि वे टीआरएस में शामिल होंगे.
उधर तेलंगाना सरकार में मंत्री तलासनी श्रीनिवास यादव ने कहा कि कांग्रेस के विधायक अपनी पार्टी में विश्वास नहीं कर रहे हैं. वे अपने पार्टी के लीडरशिप में भी विश्वस नहीं करते हैं. इसलिए ये सभी लोग विधानसभा स्पीकर से मिले और विलय के लिए प्रतिवेदन दिया है. उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है प्रदेश में सत्तारूढ़ दल राज्य में अच्छा काम कर रही है. विकास और कल्याणकारी के लिए टीआरएस सरकार प्रतिबद्ध है.
तंदूर से कांग्रेस विधायक रोहित रेड्डी ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे और टीआरएस के कार्यवाहक अध्यक्ष के टी रामा राव से मुलाकात की. उन्होंने सत्तारूढ गठबंधन के प्रति अपनी वफादारी का संकल्प लिया. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक जी वेंकट रमन रेड्डी का कहना है कि 12 विधायक ने राज्य के विकास के लिए सत्तारूढ़ दल के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. रेड्डी ने बताया कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को एक प्रतिवेदन देकर टीआरएस में विलय का अनुरोध किया है.
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रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की हमारी एक विशेष बैठक हुई. इसके 12 सदस्यों ने मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व को समर्थन दिया और वे उनके साथ काम करना चाहते हैं. हमने अध्यक्ष को प्रतिवेदन दिया और उनसे टीआरएस के साथ हमारे विलय का अनुरोध किया. अधिकारियों ने बताया कि 12 विधायक कांग्रेस विधायक दल की संख्या का दो तिहाई है यानी उन पर दलबदल विरोधी कानून के प्रावधान लागू नहीं होंगे. यदि अध्यक्ष उनका अनुरोध स्वीकार कर लेते हैं, तो कांग्रेस विपक्षी दल का दर्जा खो सकती है क्योंकि उसकी संख्या केवल छह रह जाएगी.
Source : News Nation Bureau