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कर्नाटक हाई कोर्ट( Photo Credit : TWITTER HANDLE)
कर्नाटक उच्च न्यायालय में आज शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गयी है. इससे पहले हिजाब मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने सरकारी आदेश पर सवाल उठाए. वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय से कहा कि वे यह तय करने के लिए कॉलेज विकास समिति पर छोड़ रहे हैं कि हिजाब के लिए कोई अपवाद किया जाना चाहिए या नहीं. चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की 3 जजों की बेंच राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
Karnataka High Court begins hearing petitions challenging a ban on hijab in educational institutes pic.twitter.com/GiOFqL065d
— ANI (@ANI) February 15, 2022
दरअसल, सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कामत ने अदालत को अवगत कराया कि एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि हिजाब पहनना अनुच्छेद 25 द्वारा संरक्षित नहीं है, और यह तय करने के लिए कालेज विकास समिति को छोड़ दिया गया कि क्या हिजाब के लिए एक अपवाद किया जाना चाहिए या नहीं. कामत ने कहा कि, हिजाब पहनना अनुच्छेद 25 द्वारा संरक्षित नहीं है, और इसे कालेज कमेटी पर छोड़ना पूरी तरह से अवैध है.