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कर्नाटक में फिर शुरू हुआ नाटक! अब येदियुरप्‍पा सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल

कर्नाटक (Karnataka) में एक बार फिर बागी सक्रिय हो गए हैं. इस बार कांग्रेस और जनता दल सेक्‍यूलर के बागी विधायक नहीं, बल्‍कि बीजेपी (BJP) के बागी विधायकों ने वहां की राजनीति गरमा दी है.

Updated on: 18 Feb 2020, 01:01 PM

नई दिल्‍ली:

कर्नाटक (Karnataka) में एक बार फिर बागी सक्रिय हो गए हैं. इस बार कांग्रेस और जनता दल सेक्‍यूलर के बागी विधायक नहीं, बल्‍कि बीजेपी (BJP) के बागी विधायकों ने वहां की राजनीति गरमा दी है. मंत्री नहीं बन पाए करीब 10-15 विधायकों ने बैठक कर कथित रूप से मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुरप्‍पा (BS Yeddyurappa) के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की. यह भी कहा जा रहा है कि ये विधायक मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुरप्‍पा से खुश नहीं हैं. विधायकों का आरोप है कि येदियुरप्‍पा के बेटे सुपर सीएम की तरह काम कर रहे हैं.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्‍य के पूर्व डिप्‍टी सीएम रहे जगदीश शेट्टार के घर विधायकों की बैठक हुई. विधायकों द्वारा लिखी गई चिट्ठी में किसी के साइन नहीं हैं, लेकिन उसके मजमून से सीएम बीएस येदियुरप्‍पा के खिलाफ बागी तेवर की झलक मिल रही है. बीजेपी के लिए चिंताजनक बात यह है कि विधायकों के बागी सुर राज्य के विधानसभा सत्र से पहले उठी है.

इस घटनाक्रम पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब कोई चीज असंवैधानिक होगी. सत्ता हासिल करने के लिए कुछ भी करने की कोशिश की जाएगी तो ऐसा होगा ही. कांग्रेस नेताओं का यह भी कहा है कियेदियुरप्‍पा ने आज तक कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. आगे भी ऐसा हो सकता है.

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इसके अलावा, बीएस येदियुरपा की उम्र को लेकर भी विवाद खड़े हो रहे हैं. मोदी-शाह के जमाने में माना जाता है कि 75 साल से अधिक का कोई भी नेता सक्रिय राजनीति में नहीं रहेगा, जबकि येदियुरप्‍पा की उम्र 77 साल हो चुकी है.

इससे पहले एचडी कुमारस्‍वामी ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी. सरकार को चले एक साल से अधिक होते ही जनता दल सेक्‍युलर और कांग्रेस के विधायक बागी हो गए थे. कुल 17 विधायकों ने राज्‍य विधानसभा की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया था, जिससे सरकार अल्‍पमत में आ गई थी. विधानसभा अध्‍यक्ष ने कुछ विधायकों को अयोग्‍य करार दिया था, जिससे सदन में उपस्‍थित सदस्‍यों की संख्‍या के हिसाब से बीजेपी बहुमत में आ गई थी और बीएस येदियुरप्‍पा के नेतृत्‍व में सरकार बनी थी. बाद में उपचुनाव में बीजेपी ने अधिकांश सीटें जीतकर जद एस और कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था.