कर्नाटक के बेलगावी में एक बड़ी खबर सामने आई है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक रमेश जराखोली (BJP MLA Ramesh Jarakiholi) के समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) के काफिले पर हमला किया. इस दौरान दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़प की भी खबर है. इस दौरान रमेश जराखोली के समर्थकों ने डीके शिवकुमार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. स्थानीय पुलिस ने मामले को काबू कर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के काफिले को आगे जाने दिया. हालांकि, इस हमले में किसी के हताहत होने की कोई खबर सामने नहीं आई है.
गौरतलब है कि पिछले साल मध्य प्रदेश के सियासी संकट को लेकर दिल्ली से लेकर बेंगलुरू तक घमासान मचा था. इस दौरान सरकार बचाने और गिराने को लेकर जहां भोपाल में बैठकों और रणनीति बनी थी, वहीं बेंगलुरू में बागी विधायकों को मनाने के लिए पहुंचे दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को हिरासत में ले लिया गया थी. दिग्विजय सिंह होटल रमाडा के बाहर धरने पर बैठ गए थे. उनके साथ कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) भी मौजूद थे. इस पर डीके शिवकुमार ने कहा था कि बीजेपी सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है. हमारी अपनी राजनीतिक रणनीति है, हम जानते हैं कि हालात को कैसे संभालना है. दिग्विजय सिंह को लेकर शिवकुमार बोले कि वे यहां अकेले नहीं हैं. मैं यहां हूं और मुझे पता है कि उन्हें कैसे सपोर्ट करना है. मैं कर्नाटक में कानून और व्यवस्था की स्थिति नहीं बनाना चाहता.
अभी कोई लॉकडाउन नहीं, लेकिन मास्क पहनना जरूरी: कर्नाटक स्वास्थ्य मंत्री
आपको बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर (Karnataka Health Minister K Sudhakar) ने बेंगलुरू में लॉकडाउन, आंशिक लॉकडाउन या रात के कर्फ्यू को फिर से लागू करने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जिसके अंतर्गत मास्क पहनने को अनिवार्य किया जा रहा है. सुधाकर ने संवाददाताओं से कहा कि लॉकडाउन या आंशिक लॉकडाउन को फिर से लागू करने के संबंध में कर्नाटक को 'इतनी जल्दी' फैसला करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
उन्होंने आगे कहा था कि "हम इस खतरनाक वायरस को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त अनुभव प्राप्त कर चुके हैं. हमारी मृत्यु दर के अनुसार, यह साबित होता है कि निश्चित रूप से महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है." एक सवाल के जवाब में, सुधाकर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की इस महामारी से निपटने में विशेषज्ञता की कमी के कारण मामलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन यह इसलिए है क्योंकि बड़े पैमाने पर महामारी को हल्के में ले रहे हैं और कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल को बनाए नहीं रख रहे हैं.
Source : News Nation Bureau