Delhi HC ने ऐग्रो कंपनी कोहिनूर सीड फील्ड्स को मार्केटिंग करने से रोका

दिल्ली हाईकोर्ट ने आंध्र की कंपनी को कोहिनूर सीड फील्ड्स ट्रेडमार्क के तहत अन्य उत्पादकों के बीजों की मार्केटिंग करने से रोका

दिल्ली हाईकोर्ट ने आंध्र की कंपनी को कोहिनूर सीड फील्ड्स ट्रेडमार्क के तहत अन्य उत्पादकों के बीजों की मार्केटिंग करने से रोका

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IANS
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Delhi HC

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter )

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीटी कपास संकर बीजों के अलावा किसी भी उत्पाद को उसके ट्रेडमार्क या उनके समान भ्रामक रूप से किसी भी ट्रेडमार्क के तहत बढ़ावा देने या बेचने पर कोहिनूर सीड फील्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर मुकदमे का जवाब दाखिल करने के लिए आंध्र स्थित कंपनी वेदा बीज विज्ञान को चार सप्ताह का समय दिया है. 2014 में, वादी ने संकर बीज किस्मों को चिह्न्ति करने और वितरित करने के उद्देश्य से प्रतिवादी के साथ एक गैर-अनन्य सह-विपणन समझौता किया. प्रतिवादी, अनुबंध के तहत, समझौते के तहत अनुमत ब्रांड नाम के तहत किसी भी अन्य संकर बीजों को बेचने के लिए सहमत नहीं हुआ था.

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अक्टूबर, 2022 में कोहिनूर सीड फील्ड्स इंडिया को पता चला कि वेदा सीड साइंसेज वेदा सदानंद गोल्ड, वेदा तड़ाखा गोल्ड और वेदा तड़ाखा गोल्ड के नाम से कपास के संकर बीजों की बिक्री के लिए खरीफ सीजन 2023 के लिए अग्रिम बुकिंग को बढ़ावा दे रहा है और वेद बसंत गोल्ड उन बीजों की मार्केटिंग करेगा, जो वादी के नहीं हैं.

जिसके बाद, वादी ने समझौते के तहत उल्लंघन को सुधारने के लिए 15 दिनों की अवधि के साथ एक समाप्ति (टर्मिनेशन) नोटिस जारी किया. कोहिनूर सीड फील्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपने ट्रेडमार्क सदानंद, तदाखा और बसंत के तहत ट्रांसजेनिक बीटी कॉटन हाइब्रिड बीजों के विकास/उत्पादन और बिक्री के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया.

न्यायमूर्ति अमित बंसल ने एक प्रमुख भारतीय बीज कंपनी कोहिनूर सीड फील्ड्स द्वारा दायर मुकदमे की सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित किया. न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा, विवादित ट्रेडमार्क के तहत प्रतिवादी द्वारा ली गई अग्रिम बुकिंग विभिन्न संकरों के संबंध में हैं, जीके-224 बीजीआईआई, वीएससीएच-369 बीजीआईआई और जीके-238 बीजी 2, जो वादी से संबंधित नहीं हैं और एक पर प्रथम ²ष्टया दो कंपनियों के बीच समझौते की शर्तों का उल्लंघन हुआ है.

प्रतिवादी के विवादित ट्रेडमार्क अगस्त 2021 में दर्ज किए गए थे. न्यायमूर्ति बंसल ने कहा- प्रतिवादियों द्वारा एक ही वर्ग में वस्तुओं के लिए लगाए गए ट्रेडमार्क का उपयोग प्रथम दृष्टया उल्लंघन के साथ-साथ पासिंग ऑफ भी है. इसके अलावा, प्रतिवादी के उत्पादों की पैकेजिंग और सौंदर्य भ्रामक रूप से वादी के समान है.

अदालत ने कहा कि वादी के ट्रेडमार्क से चाहे अलग-अलग संकर बीजों के लिए प्रतिवादी द्वारा उपसर्ग या प्रत्यय के साथ या बिना कोई भौतिक अंतर नहीं होगा, ताकि ट्रेडमार्क को अलग किया जा सके, अदालत ने कहा कि वादी विवादित ट्रेडमार्क का पूर्व उपयोगकर्ता है, जिसने प्रतिष्ठा और सद्भावना स्थापित की है.

अदालत ने कहा, उपरोक्त के मद्देनजर, सुविधा का संतुलन वादी के पक्ष में है. यदि वादी के पक्ष में एकतरफा निषेधाज्ञा नहीं दी जाती है, तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी. अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख तक सदानंद, तड़ाखा और बसंत ट्रेडमार्क के तहत वादी बीटी कपास संकर बीजों के अलावा किसी भी उत्पाद को बेचने, उपयोग करने, प्रचार करने, मार्केटिंग, विज्ञापन करने और बिक्री के लिए पेश करने या उजागर करने से रोक दिया.

पीठ ने दलीलों को पूरा करने के लिए मामले को 10 जनवरी, 2023 को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध किया और अगली सुनवाई के लिए 6 फरवरी, 2023 की तारीख तय की.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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