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केरल को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है CPI-M : कांग्रेस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चेन्निथला ने अपनी ऐश्वर्या केरल यात्रा के दौरान मीडिया से यह बात कही. उन्होंने कहा कि सीपीआई-एम के राज्य सचिव ए.विजयराघवन द्वारा आईयूएमएल की तुलना इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन से करने के पीछे एक स्पष्ट एजेंडा है.

Updated on: 06 Feb 2021, 04:10 PM

highlights

  • केरल में कांग्रेस का सीपीआईएम पर हमला
  • IUML की तुलना इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन
  • सीपीआई-एम राज्य को बांटने की कोशिश कर रही

नई दिल्ली:

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने यह कहते हुए सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई-एम पर हमला किया है कि वह केरल को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है. साथ ही कहा कि यूडीएफ की प्रमुख प्रतिनिधि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के खिलाफ हमला करना इसी दिशा में एक कदम था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चेन्निथला ने अपनी ऐश्वर्या केरल यात्रा के दौरान मीडिया से यह बात कही. उन्होंने कहा कि सीपीआई-एम के राज्य सचिव ए.विजयराघवन द्वारा आईयूएमएल की तुलना इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन से करने के पीछे एक स्पष्ट एजेंडा है.

विजयराघवन ने 4 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि चेन्निथला और पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चंडी, आईयूएमएल के प्रदेश अध्यक्ष हैदर अली शिहाब थंगल और पार्टी के अन्य नेता मिलकर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. उनकी इस टिप्पणी की तीखी आलोचना की जा रही है क्योंकि आईयूएमएल की छवि राज्य में धर्मनिरपेक्ष मुस्लिम संगठन की है. इसने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद राज्य में सांप्रदायिक नरसंहार को रोकने के लिए काफी काम किया था.

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कांग्रेस का सीपीएम पर हमला
चेन्निथला ने कहा कि सीपीआई-एम राज्य को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है, ताकि वह हिंदू वोट बैंक पा सके. उसने ऐसा खेल 1987 के विधानसभा चुनावों में भी सफलतापूर्वक खेला था. लेकिन अब उनका यह एजेंडा सफल नहीं होगा.

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राज्य में सत्ता का हो रहा दुरुपयोग
चेन्निथला ने मीडिया से बातचीत में कहा, सीपीआई-एम के नेताओं ने सार्वजनिक सेवा आयोग को किनारे करके सरकारी विभागों में अपने रिश्तेदारों को भर्ती किया है. पूर्व सांसद एमबी राजेश की पत्नी को श्री शंकरा यूनिवर्सिटी में मलयालम में सहायक प्रोफेसर के रूप में पहली रैंक मिली है. जबकि उनका इंटरव्यू लेने वाले पैनल में शामिल 3 विशेषज्ञों ने आरोप लगाया है कि रैंक लिस्ट में उनका नाम काफी नीचे था. साफ है कि राज्य में सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है.