तमिलनाडु में कोविड 3.0 की तैयारी जारी, बच्चों के लिए तैयार किए वार्ड

तमिलनाडु के अस्पतालों के बालरोग वार्ड में बच्चों को संभावित तीसरी कोविड-19 लहर से बचाने की तैयारी की जा रही है. बालरोग विशेषज्ञों की राय है कि इन वार्डो में बच्चों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए.

तमिलनाडु के अस्पतालों के बालरोग वार्ड में बच्चों को संभावित तीसरी कोविड-19 लहर से बचाने की तैयारी की जा रही है. बालरोग विशेषज्ञों की राय है कि इन वार्डो में बच्चों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
third wave covid

सांकेतिक चित्र( Photo Credit : आईएएनएस)

तमिलनाडु के अस्पतालों के बालरोग वार्ड में बच्चों को संभावित तीसरी कोविड-19 लहर से बचाने की तैयारी की जा रही है. बालरोग विशेषज्ञों की राय है कि इन वार्डो में बच्चों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. आईसीएच के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा चेन्नई में, इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (आईसीएच) में दो अलग-अलग ब्लॉक में 160 बेड हैं. इनमें से 100 बिस्तर राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल (आरजीजीजीएच) को सौंपे गए थे, जिसमें कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए बिस्तरों की भारी कमी देखी गई. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या सीमित थी. इस अस्पताल में फिलहाल 15 बच्चों का इलाज चल रहा है.

नवजात देखभाल के लिए राज्य नोडल अधिकारी श्रीनिवासन ने मीडिया से बातचीत में बताया, अगर वायरस में जनसंख्या में बदलाव होता है और अगर हमें बच्चों के लिए और बेडों की आवश्यकता होती है, तो हमारे पास वयस्क बेडों को बाल चिकित्सा बेड में बदलने की योजना है और हम उपचार और प्रबंधन प्रोटोकॉल के साथ तैयार हैं.
मदुरै में भी कई अस्पतालों ने कोविड -19 मामलों में संभावित स्पाइक की आशंका के साथ ऑक्सीजन समर्थित बाल चिकित्सा बेड जोड़ना शुरू कर दिया है.

मदुरै के एक निजी अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ रजनी वारियर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया, आमतौर पर एक बाल रोग वार्ड में, हम 40-50 बच्चों को समायोजित कर सकते हैं और हम अगले कुछ दिनों में क्षमता को दोगुना कर देंगे, क्योंकि मामलों में वृद्धि हो सकती है और हम इसके लिए तैयार हैं. आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि तमिलनाडु के 37 जिलों में से प्रत्येक में 25 नवजात बेड और 100 बाल चिकित्सा बेड हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ेंःदिल्लीः 24 घंटों में 648 नए केस, 86 की मौत; पॉजीटिविट दर 1% से भी कम

श्रीनिवासन ने कहा, हमने इनमें से अधिकांश बाल चिकित्सा बेड को ऑक्सीजन बेड के रूप में परिवर्तित कर दिया है और तमिलनाडु के हर जिले में कम से कम छह बाल चिकित्सा पुनर्जीवन और आपातकालीन बेड हैं जो एक उचित संख्या है. बाल रोग विशेषज्ञ राज्य सरकार की राज्य भर के बाल चिकित्सा वाडरें में ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाने की नीति को संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए एक सकारात्मक उपाय के रूप में देखते हैं जो बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है.

यह भी पढ़ेंःकोविड के चलते EPFO ने बदले ये खास नियम, लगभग 6 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ

वारियर ने कहा, यह एक प्रशंसनीय पहल है और राज्य सरकार ने इसमें दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाया है और लंबे समय में अच्छा करेगी, क्योंकि भारत में संभावित तीसरी लहर की विश्व स्तर पर चिकित्सा रिपोर्टें हैं जो बड़ी संख्या में बच्चों को प्रभावित कर सकती हैं. और तैयारी जरूरी है जो शुक्र है कि सरकार अब कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में फेफड़ों की बीमारियों वाले बच्चों की संख्या कम है और ये उन वयस्कों के विपरीत है जो फेफड़ों की गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं.

HIGHLIGHTS

  • तमिलनाडु में कोविड की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी
  • तीसरी लहर में बच्चों को खतरा देखते हुए अस्पतालों में बढ़े बेड
  • बच्चों के बिस्तरों की संख्या में की गई बढ़ोत्तरी
covid-19 COVID-19 Third wave तमिलनाडु तमिलनाडु सरकार New COVID Ward कोविड वॉर्ड Tamilnadu Tamilnadu government कोविड तीसरी लहर
      
Advertisment