कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के चमराजपेट स्थित 2 एकड़ के मैदान को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. दरअसल इस मैदान को कई दशक पहले वॉडेयर शाही परिवार ने मुस्लिम समुदाय को दिया था. तब यह मैदान 10 एकड़ था, इस मैदान को कब्रिस्तान और ईदगाह के लिए दिया गया था. लेकिन 1952 में सरकार ने इस मैदान पर स्कूल बनाने का फैसला किया तो मुस्लिम समुदाय के लोग अदालत चले गए. साल 1954 में अदालत ने स्कूल बनाने की इजाजत दे दी. इसी समय से इस मैदान के मालिकाना हक को लेकर विवाद शुरू हो गया.
वक्फ बोर्ड के पास जमीने के दस्तावेज नहीं
साल 1964 में सुप्रीम कोर्ट ने मैदान सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन की है. 1965 में वक्फ बोर्ड ने इस मैदान को लेकर नोटिस जारी की. लेकिन 1974 में कर्नाटक लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट ने इस मैदान को प्लेग्राउंड बताया. इस साल की शुरुवात में यह मामला फिर गरमा गया, जब हिंदू जनजागृति समिति ने बीबीएमपी से इस मैदान के मालिकाना हक को लेकर जानकारी मांगी. कुछ दिन पहले बीबीएमपी ने कहा कि वक्फ बोर्ड इस जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज पेश नहीं कर पाया है. लिहाजा ये मैदान रेवेन्यू विभाग का है. इसके बाद से हालात तनावपूर्ण हो गए हैं, जिसके बाद पुलिस ने यहां रूट मार्च किया, ताकि हालात और न खराब हों.
हिंदू संगठन कर रहे हैं ये मांग
दरअसल, बीबीएमपी ने जब से मैदान को रेवेन्यू डिपार्टमेंट का बताया है, तब से हिंदू संगठन इस मैदान में 15 अगस्त को झंडा फहराने और हिंदू त्यौहार मनाने की मांग कर रहे हैं. हिंदू जनजागृति समिति ने मांग की है कि इस मैदान में गणेश उत्सव की इजाजत दी जाए. इसके साथ ही इस मैदान में मौजूद किबलागह की दीवार को हटाया जाए. रेवेन्यू मंत्री आर अशोक ने कहा कि हालात को देखते हुए सरकार ने कहा कि 15 अगस्त को किसी भी संगठन को मैदान में झंडा फहराने की इजाजत नहीं दी जाएगी. बल्कि यहां पर रेवेन्यू विभाग के अधिकारी झंडारोहण करेंगे. इस समारोह में सभी लोग शामिल हो सकते हैं. इस बीच किसी भी धार्मिक नारे की मनाही है. वहीं, सरकार ने फिलहाल हिंदू संगठनों की इस मैदान में हिंदू त्यौहार मानने की मांग को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है.
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सभी समुदाय के लोग खेलते कूदते हैं
वहीं वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना शादी साड़ी ने कहा है कि बीबीएमपी इस मैदान को रेवेन्यू विभाग का बता रही है, जबकि ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मैदान वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है. हालांकि वक्फ बोर्ड का कहना है कि बीबीएमपी ने ये बात खुद मानी है कि यह प्लेग्राउंड नहीं है. जोकि सही बात है. ये ईदगाह है. जहां तक बीबीएमपी ने इस जमीन को रेवेन्यू डिपार्टमेंट का बताया है तो उसपर फैसला अदालत करेगी. उन्होंने कहा कि इस मैदान पर सभी समुदाय के लोग खेल-कूद करते हैं. इस पर कोई पाबंदी नहीं है.
HIGHLIGHTS
- चमराजपेट स्थित 2 एकड़ के मैदान को लेकर विवाद
- बीबीएमपी ने जमीन को रेवेन्यू डिपार्टमेंट का बताया
- हिंदू संगठनों की मांग, त्यौहार मनाने के लिए दिया जाए ग्राउंड