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निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए पुलिस उच्च न्यायालय पहुंची

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के चार विधायकों को खरीदने की कथित कोशिश से जुड़े मामले में एक और मोड़ आया है. साइबराबाद पुलिस ने शुक्रवार को तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें निचली अदालत ने मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों की रिमांड से इनकार करने के आदेश को चुनौती दी थी. पुलिस ने लंच प्रस्ताव पेश कर जल्द सुनवाई की मांग की लेकिन कोर्ट ने नियमित याचिका मांगी.

Updated on: 28 Oct 2022, 03:20 PM

हैदराबाद:

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के चार विधायकों को खरीदने की कथित कोशिश से जुड़े मामले में एक और मोड़ आया है. साइबराबाद पुलिस ने शुक्रवार को तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें निचली अदालत ने मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों की रिमांड से इनकार करने के आदेश को चुनौती दी थी. पुलिस ने लंच प्रस्ताव पेश कर जल्द सुनवाई की मांग की लेकिन कोर्ट ने नियमित याचिका मांगी.

पुलिस ने एसीबी कोर्ट के जज के फैसले को चुनौती दी, जिसने तीनों आरोपियों- रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदा कुमार और सिम्हायाजी स्वामी को रिहा करने का आदेश दिया था. भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं के करीबी कहे जाने वाले तीन लोगों को बुधवार रात मोइनाबाद के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया गया, जब वे टीआरएस के चार विधायकों को मोटी रकम, महत्वपूर्ण पदों और अनुबंधों की पेशकश करके लुभाने की कोशिश कर रहे थे.

पुलिस ने आरोपी को गुरुवार रात सरूरनगर स्थित उसके आवास पर न्यायाधीश के समक्ष पेश किया. न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव का हवाला देते हुए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने की पुलिस की याचिका खारिज कर दी. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मामले पर लागू नहीं होता क्योंकि रिश्वत के पैसे का कोई सबूत नहीं है. न्यायाधीश ने पुलिस से कहा कि वह आरोपी को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत पूछताछ के लिए नोटिस जारी करे.

जज के आदेश पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिहा कर दिया. बाद में उन्हें नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया. उनसे मोइनाबाद पुलिस स्टेशन में पूछताछ की जा सकती है, जहां उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत पर पुलिस ने दिल्ली के रामचंद्र भारती, हैदराबाद के नंदा कुमार और तिरुपति के सिंह्याजी स्वामी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.

शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी ने उसे 100 करोड़ रुपये की पेशकश की. उन्होंने मौद्रिक लाभ के लिए केंद्र सरकार के सिविल अनुबंध कार्यों और अन्य उच्च केंद्र सरकार के पदों को देने की पेशकश की और उन्हें भाजपा में शामिल होने का लालच दिया. विधायक ने पुलिस को बताया कि उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वह भाजपा में शामिल नहीं होते हैं, तो आपराधिक मामले होंगे और ईडी/सीबीआई द्वारा छापे मारे जाएंगे और टीआरएस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार को उनके द्वारा गिरा दिया जाएगा.

आरोपियों ने भाजपा में शामिल होने के लिए तीन अन्य विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की. रोहित रेड्डी की सूचना पर साइबराबाद पुलिस फार्महाउस पहुंची और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.