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Karnataka: टीपू सुल्तान की जयंती पर आखिर क्यों मचा है बवाल, जानिए क्या है इसके पीछे का कारण

BJP, कांग्रेस की सरकारों में राज्य में टीपू सुल्तान के ऊपर किसी भी आयोजन पर अपनी आपत्ति दर्ज कराती आई है.

Updated on: 30 Jul 2019, 03:18 PM

नई दिल्ली:

कर्नाटक (Karnataka) में टीपू सुल्तान की जयंती (Tipu Sultan) पर विवाद आज का नहीं है बल्कि ये पिछले कई सालों से चलता आ रहा है. 'मैसूर का शेर' कहे जाने वाले टीपू सुल्तान की जयंती पर कांग्रेस हर साल क्षेत्रीय कार्यक्रम आयोजित करती आई है. इस बार कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई वाली बीजेपी की सरकार बनने से फिर एक बार टीपू सुल्तान की जयंती पर बवाल मचा है. राज्य में चुनी गई नई बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) की कर्नाटक सरकार ने कन्नड़ और कल्टर डिपार्टमेंट को टीपू सुल्तान की जयंती न मनाने का आदेश दिया है. यह फैसला बीते दिन हुई कैबिनेट मीटिंग में हुआ.

इसके पहले बीजेपी के एक विधायक बोपैया ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने टीपू सुल्तान की  जयंती मनाने पर रोक की मांग की थी. दरअसल, बीजेपी शुरू से टीपू सुल्तान को 'बर्बर', 'सनकी हत्यारा' और 'बलात्कारी' समझती है और इसी वजह से BJP, कांग्रेस की सरकारों में राज्य में टीपू सुल्तान के ऊपर किसी भी आयोजन पर अपनी आपत्ति दर्ज कराती आई है. 

दरअसल मामला केवल विचारधाराओं का है. बीजेपी जहां टीपू सुल्तान की जयंती को मनाने का विरोध करती आई है वहीं कांग्रेस टीपू को महापुरुष मानती है. 

पिछले साल भी कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन की सरकार के दौरान इस जयंती को धूमधाम से मनाया गया था. कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया कई जगह कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे और उन्होंने इन कार्यक्रमों से बीजेपी पर निशाना भी साधा था. सिद्धारमैया का कहना था कि राज्य में महापुरुषों की जयंती मनाने की रस्म पहले से चलती आई है, हम भी उसी प्रथा को आगे लेकर चल रहे हैं.

हालांकि, पिछले बार जयंती पर हुए विवाद के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी किसी भी कार्यक्रम में स्वास्थ्य खराब होने की वजह से शामिल नहीं हो पाए थे. वहीं अगर इस मसले पर बीजेपी के रुख की बात करें तो वह हर बार आक्रामक ही रहा है. BJP टीपू सुल्तान को कट्टर मुस्लिम शासक बताती है. BJP और दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान ने हिंदू मंदिर तोड़े और बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण भी कराया. यहां बीजेपी पर खुद सवाल उठता है वो ये कि साल 2014 की गणतंत्र दिवस परेड में टीपू सुल्तान को एक अदम्य साहस वाला महान योद्धा बताया गया था.