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आंध्र के अस्पताल ने कोविड मरीजों से वसूले गए पैसों को डायवर्ट किया: ED

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि एनआरआई एकेडमी ऑफ साइंसेज के कुछ सदस्यों ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कोविड रोगियों और मेडिकल छात्रों से बड़ी मात्रा में धन एकत्र किया और उसका गबन किया. ईडी ने पिछले सप्ताह विजयवाड़ा, काकीनाडा, गुंटूर और हैदराबाद में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली और नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए. इसने घोटाले में शामिल विभिन्न व्यक्तियों की संपत्तियों को भी सील कर दिया. एनआरआई एकेडमी ऑफ साइंसेज के कुछ सदस्यों/पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले की चल रही जांच के तहत 2 और 3 दिसंबर को तलाशी अभियान चलाया गया था.

Updated on: 07 Dec 2022, 06:05 PM

अमरावती:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि एनआरआई एकेडमी ऑफ साइंसेज के कुछ सदस्यों ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कोविड रोगियों और मेडिकल छात्रों से बड़ी मात्रा में धन एकत्र किया और उसका गबन किया. ईडी ने पिछले सप्ताह विजयवाड़ा, काकीनाडा, गुंटूर और हैदराबाद में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली और नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए. इसने घोटाले में शामिल विभिन्न व्यक्तियों की संपत्तियों को भी सील कर दिया. एनआरआई एकेडमी ऑफ साइंसेज के कुछ सदस्यों/पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले की चल रही जांच के तहत 2 और 3 दिसंबर को तलाशी अभियान चलाया गया था.

आंध्र प्रदेश पुलिस ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुछ सदस्यों द्वारा समाज के धन को कथित रूप से डायवर्ट किए जाने की दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी. सदस्यों ने कथित रूप से कोविड रोगियों और मेडिकल छात्रों से खातों की लॉगबुक में उल्लिखित आंकड़ों से अधिक धन एकत्र किया और उसका गबन किया. एनआरआई सोसाइटी को देय धनराशि को एनआरआईएएस प्राइवेट लिमिटेड जैसे समान नाम वाली कंपनी बनाकर डायवर्ट किया गया था.

ईडी ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग में संदिग्ध अचल संपत्तियों के 53 दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है और जमा कर दिया गया है. धन के कथित डायवर्जन से जुड़े कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए हैं. ईडी अधिकारियों की चार टीमों ने पिछले हफ्ते मंगलागिरी में एनआरआई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल और एनआरआई एकेडमी ऑफ साइंसेज के कुछ सदस्यों के परिसरों में तलाशी ली थी.

केंद्रीय एजेंसी ने पाया कि 2020-21 में कोविड-19 के मरीजों से अधिक पैसे वसूल कर बड़ी रकम अस्पताल के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं की गई. एससी और एसटी लाभार्थियों के नाम पर भवनों के निर्माण के लिए लिए गए ऋणों को भी एक कंपनी बनाकर कथित रूप से डायवर्ट किया गया था. एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के इच्छुक एनआरआई छात्रों से भारी मात्रा में चंदा इकट्ठा करने के लिए समाज के कुछ सदस्यों को भी जांच का सामना करना पड़ रहा है.

प्रबंधन के कुछ सदस्यों ने कोविड रोगियों के इलाज में कदाचार का सहारा लिया और फर्जी रसीदों के माध्यम से करोड़ों रुपये निकालने के बाद अस्पताल सवालों के घेरे में आ गया. 1500 से ज्यादा कोविड मरीजों का रिकॉर्ड नहीं डाला गया और उनसे वसूले गए पैसों को डायवर्ट कर दिया गया. अस्पताल ने कथित तौर पर अस्पताल के रिकॉर्ड में दिखाई गई राशि से अधिक कोविड रोगियों से अतिरिक्त धन एकत्र किया.

कोविड रोगियों और एमबीबीएस छात्रों से एकत्र किए गए धन को कथित तौर पर हैदराबाद में एक रियलिटी फर्म में भेज दिया गया था. ईडी के अधिकारियों ने हैदराबाद में भी तलाशी ली और किए गए निवेश का विवरण एकत्र किया.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.