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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने दिखाया विक्ट्री साइन, क्या सीएम के नाम पर लग गई मुहर

सोशल मीडिया पर एक फोटो भी वायरल हो रही है. इस फोटो में आप केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को देख सकते हैं. यह फोटो शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की है.

Updated on: 05 Dec 2023, 12:28 PM

नई दिल्ली:

3 दिसंबर को राजस्थान के नतीजे आए, जिसमें बीजेपी को राज्य में आसानी से पूर्ण बहुमत मिल गया. बीजेपी को 115, कांग्रेस को 69 और बहुजन समाजवादी पार्टी को 2 सीटें मिलीं. राज्य में बीजेपी की जीत के साथ ही यह चर्चा शुरू हो गई कि राजस्थान का सीएम कौन होगा? इस रेस में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी, वसुंधरा राज्य और बाबा बालकनाथ का नाम चर्चा में है.आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में दीया कुमारी ने रिकॉर्ड बनाया और 71 हजार वोटों से जीत हासिल की. इस रेस में दीया कुमारी और गजेंद्र सिंह का नाम काफी चर्चा में है. 

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के नाम पर लग गई मुहर?

इन सबके बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो भी वायरल हो रही है. इस फोटो में आप केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को देख सकते हैं. यह फोटो शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की है, जहां केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शामिल होने पहुंचे हैं. अब सवाल ये है कि ये फोटो इतनी वायरल क्यों हो रही है? इसका जवाब फोटो में ही छिपा है. फोटो देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि गजेंद्र सिंह विक्ट्री साइन दिखा रहे हैं जबकि राजस्थान में बीजेपी की जीत 3 दिसंबर को ही हो गई थी? ऐसे में दो दिन बाद मीडिया के सामने इस तरह से साइन दिखाना क्या सकेंत है कि ये प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. फोटो में जिस तरह से केंद्रीय मंत्री की छवि दिख रही है उसे देखकर कोई भी कह सकता है कि राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कोई केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह हो सकते हैं. 

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क्या बालकनाथ पर बीजेपी लगा सकती है दांव?

वहीं, राजस्थान के लोगों के बीच बाबा बालकनाथ की भी चर्चा जोरों पर है. तिजारा सीट से योगी बालकनाथ ने बड़ी जीत दर्ज की. बालकनाथ योगी भी सांसद हैं और उन्हें बीजेपी ने विधान सभा से लड़ाया था. यादव समुदाय से आने वाले योगी बालकनाथ को सीएम बनाने की चर्चाएं जोरों पर हैं क्योंकि इसमें बीजेपी हिंदुत्व और ओबीसी दोनों कार्ड खेलने के प्लान से नाम उछाल रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार में जनसंख्या के अनुपात में जातिगत आरक्षण और जनगणना को लेकर काफी चर्चा हो रही है. बीजेपी को लगता है कि इससे विपक्ष ओबीसी समुदाय को गोलबंद करने में कामयाब हो जाएगा.