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राजस्थान के बड़े सियासी चेहरों को अब पॉलिटिकल पॉवर का वेट, दिल्ली से मिल सकती है बड़ी कमांड

पिछले 30 सालों से सक्रिय प्रमुख नेताओं के समर्थक अब निराश हैं, क्योंकि इन नेताओं का प्रभाव घट गया है. विधानसभा चुनाव 2023 के बाद उनकी स्थिति में गिरावट आई है और लोकसभा चुनाव के नतीजों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.

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Ritu Sharma
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राजस्थान की राजनीति ( Photo Credit : News Nation )

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Rajasthan Political News: राजस्थान की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. पिछले 30 सालों से प्रदेश की राजनीति में सक्रिय और प्रमुख नेताओं के समर्थकों में निराशा दिखाई दे रही है, जो नेता कभी स्वयं अपनी भूमिका तय करते थे, अब वे नई भूमिकाओं की प्रतीक्षा में हैं. राज्य से लेकर केंद्र की राजनीति में इन नेताओं का बड़ा कद रहा है, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद उनके कद में फर्क पड़ा है और अब लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद उनकी मुसीबतें और बढ़ गई हैं. संगठन में होने वाले संभावित बदलाव को लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है.

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प्रमुख नेताओं की भूमिका पर संशय

राजस्थान के तीन प्रमुख नेता - अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, और सचिन पायलट, जो प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनका प्रदेश में अच्छा प्रभाव माना जाता है पर अब वे भी अपनी नई भूमिकाओं का इंतजार कर रहे हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये नेता राजस्थान के दिग्गज हैं और केंद्र में होने वाले बदलावों का असर राज्य की राजनीति पर भी दिखाई देगा.

कांग्रेस में संभावित परिवर्तन

वहीं अशोक गहलोत जो तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं, अब तक केंद्र में किसी महत्वपूर्ण भूमिका में नहीं हैं. हालांकि, उन्होंने विभिन्न राज्यों के प्रभारी के रूप में कार्य किया है, लेकिन वर्तमान में उन्हें कोई बड़ी भूमिका नहीं सौंपी गई है. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस युवा नेताओं को केंद्र में स्थान देने की योजना बना रही है, जिसमें सचिन पायलट का नाम भी प्रमुखता से शामिल है. पायलट को राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका दी गई है, लेकिन उनकी भी प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी की प्रतीक्षा है. ये कहा जा रहा है कि सचिन पायलट की अगुवाई में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता था, इसलिए उन्हें प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है.

बीजेपी में वसुंधरा राजे पर संशय

इसके साथ ही बीजेपी की ओर से वसुंधरा राजे का नाम राजस्थान की राजनीति में प्रमुख रहा है. वे प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. हालांकि, 2023 के बाद से वे राजस्थान में किसी महत्वपूर्ण पद पर नहीं हैं और वर्तमान में बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. अब सवाल उठता है कि क्या उन्हें संगठन में मजबूती दी जाएगी या इसी तरह छोड़ दिया जाएगा. वसुंधरा राजे के समर्थक भी इस विषय में स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं. आने वाले दिनों में यह तस्वीर स्पष्ट हो सकती है.

युवा नेताओं की संभावनाएं

इसके अलावा आपको बता दें कि राजस्थान की राजनीति में परिवर्तन का दौर चल रहा है और युवा नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलने की संभावनाएं बढ़ रही हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन-कौन से युवा नेता नई भूमिकाओं में उभर कर आते हैं और राज्य की राजनीति में क्या बदलाव लाते हैं. संगठन में युवा नेताओं को महत्वपूर्ण पद देने की चर्चा हो रही है, जिससे नई ऊर्जा और विचारधारा का संचार हो सके.

HIGHLIGHTS

  • राजस्थान में 3 दशक ने चल रहा था इन नेताओं का राज
  • अब प्रमुख नेताओं की भूमिका पर संशय
  • केंद्र में मिलेगी इनको जगह?

Source : News Nation Bureau

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