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Ashok Gehlot and sachinPilot( Photo Credit : social media )
राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से चल रही अशोक गहलोत-सचिन पायलट के बीच जंग पर सुलह की आखिरी कोशिश अब 26 मई को दिल्ली में होगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में होेने वाली इस बैठक में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को बुलाया गया. दोनों के बीच सुलह के लिए एक फार्मूला भी तलाशा जा रहा है. पायलट को राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंपने पर विचार चल रहा है. लेकिन अभी तक सुलह के किसी भी फार्मूले पर न गहलोत तैयार न पायलट. अगर कांग्रेस पायलट को नहीं मनाया तो एक जून से पायलट आंदोलन का आगाज कर देंगे.
कर्नाटक में सीएम विवाद सुलझाने बाद कांग्रेस के सामने दूसरा संकट राजस्थान है. सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी मांगो को लेकर 31 मई तक का अल्टीमेटम दे रखा है. गहलोत पायलट के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश कांग्रेस ने शुरुआत कर दी. कांग्रेस ने 26 मई को दिल्ली में एक बैठक बुलाई, जिसमें गहलोत पायलट दोनों को बुलाया. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत राजस्थान कांग्रेस के कई और नेताओं को भी बैठक में बुलाया गया. इस बैठक को पायलट मामले में निर्णायक माना जा रहा है. बैठक को लेकर जब राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से सवाल पूछा गया तो सिर्फ इतना कहा कि 26 के बाद बात करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस हाईकमान सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष या चुनाव अभियान कमेटी का अध्यक्ष बनाने का ऑफर देने की तैयारी में है. गहलोत मंत्रीमंडल में फेरबदल कर पायलट समर्थक को डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है. हालांकि अभी तक पार्टी केफार्मूले पर न गहलोत न पायलट सहमत है. पायलट विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव अभियान में बराबर की भागीदारी चाहते हैं. अगर किसी फार्मूले पर सहमति की गुंजाईश होगी तब ही पायलट बैठक में शामिल होंगे. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पायलट के साथ सुलह नहीं चाहते लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने करीब एक महीने पहले रंधावा के साथ राजस्थान में तीन सह प्रभारी नियुक्त किए थे. इन सह प्रभारियों ने आधा दर्जन जिलों का दौरा करने के बाद पार्टी को दिए फीड बैक में बताया था कि पायलट के बिना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत मुश्किल है. दूसरा कांग्रेस नेता कमलनाथ भी गहलोत पायलट के बीच सुलह की कोशिश में जुटे हुए है. उसकी वजह ये है कि एमपी में 25 सीटें गुर्जर बाहुल्य है.
HIGHLIGHTS
- कर्नाटक में सीएम विवाद सुलझाने बाद कांग्रेस के सामने दूसरा संकट
- सुलह की आखिरी कोशिश अब 26 मई को दिल्ली में होगी
- पायलट विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में बराबर की भागीदारी चाहते हैं