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राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ फिर बुलंद हुए बगावत के सुर

दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने और पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ आरोप की झड़ी लागने से कांग्रेस पार्टी अभी उबरी भी नहीं है. इस बीच राजस्थान में पार्टी में फिर बगावत के सुर बुलंद होने लगे हैं.

Updated on: 29 Aug 2022, 09:54 PM

जयपुर:

दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने और पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ आरोप की झड़ी लागने से कांग्रेस पार्टी अभी उबरी भी नहीं है. इस बीच राजस्थान में पार्टी में फिर बगावत के सुर बुलंद होने लगे हैं. एससी आयोग के अध्यक्ष एमएलए खिलाड़ी लाल बैरवा ने गहलोत खेमा बदलने के साथ ही सचिन पायलट की पैरवी शुरू कर दी है. उन्होंने पार्टी आला कमान से मांग की है कि युवा सचिन पायलट को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाए. उन्होंने आगे कहा कि जब सचिन पायलट अपने लोगों के साथ मानेसर चले गए थे, तब पार्टी कई वादों के साथ उन्हें वापस लेकर आई थी. लिहाजा, पार्टी को अपना वादा पूरा करना चाहिए.

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युवाओं की भावना की उपेक्षा की तो होगा बड़ा नुकसान
बैरवा ने सवालिया लहजे में मीडिया से कहा कि पायलट को मुख्यमंत्री बनाने में पार्टी को क्या दिक्कत है ? 100% युवा और उनकी जाति के लोग उनके साथ हैं.उन्होंने कहा कि गहलोत 40 साल से राजनीति कर रहे हैं. उन्हें आगे आकर सेकंड लाइन के युवा को आगे करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से हमें जानकारी मिल रही है कि गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद दिया जा रहा है. उन्हें यह पद स्वीकार करना चाहिए, यह एक बड़ा पद है. उन्होंने आगे कहा कि आज जो हालात हैं, उनमें सत्ता लाने में कोई एक व्यक्ति समर्थ नहीं है. इसलिए हर जाति के नेताओं को आगे लाना चाहिए, जिनको पार्टी ने बहुत कुछ दिया, अब उन्हें पार्टी के लिए त्याग करना चाहिए.