उदयपुर के हत्यारों की एक दिन में इतने लोगों की हत्या की थी प्लानिंग
उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की अब तक की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
highlights
- एक ही दिन में सिलसिलेवार ढंग से 3 लोगों की निर्मम हत्या का था प्लान
- तीनों लोगों की की हत्या के बाद वीडियो बनाकर वायरल करने की थी साजिश
- आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए कानपुर से मंगवाए थे 6 छूरे
जयपुर:
उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की अब तक की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. दोनों ने कबूल किया है कि उदयपुर में एक ही दिन में सिलसिलेवार ढंग से तीन लोगों की निर्मम हत्या करने के बाद उसका वीडियो वायरल करने की साजिश थी. इसके लिए रियाज ने कानपुर से छह खास छुरे मंगवाए थे. दो छुरों से कन्हैया की हत्या की, लेकिन बाकी दो लोगों की जान रेकी पूरी नहीं होने की वजह से बच गई. इनका आरोप है कि इन लोगों ने भी कन्हैया लाल की तरह सोशल मीडिया पर कथित रूप से नूपुर शर्मा का समर्थन किया था.
पूछताछ में यह भी पता चला है कि 20 जून को नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ उदयपुर कलेक्ट्रेट पर हुए प्रदर्शन के बाद मुखर्जी सर्किल में हुई बैठक में तालिबानी तरीके से एक साथ तीन हत्या करने की साजिश को अंजाम देने के लिए छह लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी. इनमें से दो अत्तारी व गौस थे. दो और हत्या करने का काम जिन 4 लोगों को मिला था. उन्हें भी एनआईए ने राउंडअप कर लिया है. इन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
अत्तारी को कानपूर से भेजे गे थे छह छुरे
रियाज अत्तारी को कानपुर से छह छुरे सरताज ने भेजे थे, जो न सिर्फ दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा है. बल्कि शहर में इसका दफ्तर भी चलाता है. एनआईए की एक टीम और उत्तर प्रदेश एटीएस उसे ट्रेस करने में जुटी है. कानपुर से छुरे आने के बाद गौस ने इन पर धार लगाई और इन्हें मोहसिन की हाथीपोल स्थित चिकन शॉप पर रखा. यहीं से 28 जून को कन्हैया लाल की हत्या के लिए दो छुरे लिए गए थे. मोहसिन को एनआईए ने गिरफ्तार कर चुकी है. उसकी निशानदेही पर एजेंसी ने चार छुरे बरामद कर लिए हैं.
20 जून को हुई बैठक में तैयार हुई थी रणनीति
एनआईए यह पता लगाने में जुटी है कि अत्तारी व गौस को घटना के सूत्रधार थे या मात्र मोहरा. दोनों ने पूछताछ में बताया है कि 20 जून को हुई बैठक में दो मौलाना और दो वकीलों ने हत्या की साजिश रची, हमने तो केवल अंजाम दिया. एजेंसी इन चारों की भूमिका की जांच कर रही है. हालांकि, अत्तारी व गौस ने यह स्वीकार किया कि वे घटना से पहले और बाद में कराची में दावत-ए-इस्लामी से जुड़े सलमान भाई व अबु इब्राहिम के संपर्क में थे. इन दोनों से उनकी मुलाकात 2014 में पाकिस्तान में हुई थी.
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