सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के उस फ़ैसले को पलट दिया है जिसमें राज्य सरकार द्वार मॉनसून सत्र में पेश किया गया ओबीसी आरक्षण विधेयक 2017 पर रोक लगा दी गई थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से यह भी साफ कर दिया है कि राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 50 के आगे नहीं बढ़ेगा, जब तक हाई कोर्ट द्वारा रिट याचिका (आज्ञापत्र) पर अपना फ़ैसला नहीं दे देता।
इससे पहले राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि अदालत विधायी प्रक्रिया पर रोक नहीं लगा सकती।
राजस्थान हाईकोर्ट ने आरक्षण से जुड़े बिल पर पिछले नौ साल में चौथी बार रोक लगाई है और हर बार यही कह कर रोका गया कि 50% से ऊपर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
जिसके बाद हाइकोर्ट ने 9 नवंबर को सरकार के इस विधेयक पर पाबंदी लगा दी थी।
बता दें कि हाईकोर्ट ने आरक्षण से जुड़े उस बिल पर रोक लगा दी थी, जिसमें राज्य सरकार गुर्जर सहित पांच जातियों को अलग से 5% आरक्षण देने के लिए ओबीसी आरक्षण को 21% से बढ़ाकर 26% करने जा रही थी।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग बिल, 2017 के तहत गुर्जर, बंजारा, गडिया- लोहार, राइका और गडरिया समुदाय को 5 फीसदी आरक्षण दिया गया। इसके तहत राजस्थान में आरक्षण का कोटा 54 फीसदी हो गया जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय 50 फीसदी से ज्यादा है।
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Source : News Nation Bureau