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सरकार जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं ब्लैक फंगस की दवाएं : वसुन्धरा राजे

राजस्‍थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि जनता को ब्लैक फंगस की दवा जल्द से जल्द उपलब्ध करवाएं. राजस्‍थान में भी अब कोविड के बाद मधुमेह से ग्रसित लोगों में 'ब्लैक फंगस' बीमारी का प्रकोप देखने में आ रहा है.

Updated on: 15 May 2021, 04:26 PM

जयपुर:

राजस्‍थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि जनता को ब्लैक फंगस की दवा जल्द से जल्द उपलब्ध करवाएं. बता दें कि राजस्‍थान में भी अब कोविड के बाद मधुमेह से ग्रसित लोगों में 'ब्लैक फंगस' (Black Fungus) बीमारी का प्रकोप देखने में आ रहा है. पोस्ट कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस बीमारी के मामले भी सामने आ रहे हैं. म्यूकरमाइकोसिस यानि कि ब्लैक फंगस एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है.  कोविड-19 टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये उन लोगों में आसानी से फैल जाता है जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. इन लोगों में इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कम होती है. 

राजस्‍थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि जनता को ब्लैक फंगस की दवा जल्द से जल्द उपलब्ध करवाएं ताकि लोगों को इन्हें काले बाजार में अत्यधिक कीमतों पर न खरीदना पड़े। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ' ब्लैक फंगस राजस्थान में एक नई बीमारी है. इसके इलाज के लिए Liposomal Amphotericin B 50mg इंजेक्शन & Posaconazole 300mg टेबलेट की आवश्यकता है. सरकार से अनुरोध है - जल्द से जल्द यह दवाइयाँ उपलब्ध कराएं ताकि लोगों को इन्हें काले बाजार में अत्यधिक कीमतों पर न खरीदना पड़े.

बता दें कि इसके ब्लैक फंगस के इलाज में काम में आने वाली दवा लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन बी की आपूर्ति के लिए सीमित निविदा आमंत्रित कर संबंधित फर्म को क्रयोदश जारी कर दिए गए है. राज्य में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए राज्य के प्रत्येक निवासी के घर पर कोरोना औषधि किट उपलब्ध कराया जाना है. इस किट में शामिल औषधियों Azithromycin, Paracetamol, Levocetirizine, Zinc Sulphate & Ascorbic Acid के आवश्यकतानुसार क्रय के लिए अल्प अवधि सीमित बोली के माध्यम से फर्मों से साप्ताहिक आपूर्ति के लिए प्रस्ताव लिए जाकर दरें निर्धारित कर क्रयादेश जारी कर दिए गए है. कोविड-19 की तीसरी लहर में छोटे बच्चों के संक्रमण की संभावना को देखते हुए उनके उपचार में काम आने वाली दवाओं की आपूर्ति के लिए भी क्रयादेश जारी कर दिए गए हैं.