राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ गिद्धों का कुनबा भी तेजी से बढ़ रहा है, जो पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक सुखद संकेत है. जहां पूरे देश में गिद्धों की आबादी में गिरावट देखी जा रही है, वहीं सरिस्का में 500 से अधिक गिद्धों की उपस्थिति इसे एक विशेष स्थान बनाती है.
गिद्धों के 32 प्रजातियां इस क्षेत्र में मौजूद
सरिस्का में पाई जाने वाली 52 रेप्टर्स प्रजातियों में से 32 प्रजातियां केवल इस क्षेत्र में मौजूद हैं. यह दर्शाता है कि सरिस्का जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. गिद्ध, जिन्हें पर्यावरण मित्र माना जाता है, मृत जानवरों को खाकर न केवल सफाई करते हैं, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं.
मानसरोवर बांध के पास दिख सकती हैं गिद्ध
हाल ही में WWF इंडिया ने जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान इस क्षेत्र में गिद्धों की बढ़ती संख्या के बारे में जानकारी साझा की. सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह ने कहा कि गिद्धों की उपस्थिति विभिन्न स्थानों जैसे गोपी जोड़ा, देवरा चौकी और मानसरोवर बांध के पास देखी जा सकती है. यह क्षेत्र गिद्धों के लिए आदर्श है, जहां उन्हें अपने प्राकृतिक व्यवहार को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त स्थान मिलता है.
विदेशी गिद्ध भी देखे जा सकते
सरिस्का में केवल भारतीय गिद्ध ही नहीं, बल्कि यूरोपीय और अन्य विदेशी प्रजातियों के गिद्ध भी देखे जा रहे हैं. यह जैव विविधता के लिए एक सकारात्मक संकेत है और इस क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को और भी मजबूती प्रदान करता है. WWF इंडिया ने गिद्धों की गणना के लिए एक प्रस्ताव भेजा है, जिससे उनकी सही संख्या का आकलन किया जा सके.
सरिस्का में बाघों की संख्या भी बढ़ी
गिद्धों की बढ़ती संख्या के अलावा, सरिस्का में बाघों की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे यह क्षेत्र जीव-जंतुओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक आदर्श स्थान बनता जा रहा है. नेचर गाइड लोकेश खंडेलवाल के अनुसार, सरिस्का में लंबी चोंच वाले गिद्ध सबसे ज्यादा पाए जाते हैं, जो उनके अनोखे रूप और व्यवहार के कारण आकर्षण का केंद्र बनते हैं.