logo-image

राजस्थान में महिला को डायन बताकर हुक्का पानी किया बंद, जानिए क्या है वजह

महिला के परिवार ने सारे अफसरों के दफ्तरों पर गुहार लगाई लेकिन अब तक किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की.

Updated on: 02 Sep 2019, 06:04 AM

नई दिल्‍ली:

देश भले 21वीं सदी में विकास की तेज राह पर दौड़ रहा है लेकिन आज भी राजस्थान के किसी ना किसी कोने अंधविश्वास अपनी जड़े जमाएं बैठा है.ऐसा ही एक मामला सामने आया है सूबे के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नगरी में के टोंक जिले के भरनी गांव में. इस गांव में ग्रामीणों ने एक महिला को डायन बता कर उसके परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया है. और उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है महिला के परिवार ने सारे अफसरों के दफ्तरों पर गुहार लगाई लेकिन अब तक किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की. आइये आपको बताते हैं इस गांव में महिला को डायन बनाने के सच के बारे में.

यह मामला टोंक जिले के भरनी गांव का है जहां दलित समाज की महिला लक्ष्मी बैरवा को डायन बता कर ग्रामीणों द्वारा हुक्का पानी बंद करने का मामला सामने आया है. पीड़ित महिला ने परिवार सहित टोंक आकर मीडियाकर्मियों से न्याय की गुहार लगाई. महिला और परिवारजनों ने आरोप लगाया कि गांव के ही दर्जनभर लोग उसे डायन बता कर प्रताड़ित कर रहे है ना मंदिर में प्रवेश करने दे रहे है और ना ही गांव की दुकानों से राशन पानी लेने दे रहे है. महिला ने आरोप लगाया कि गांव के ही शंकरलाल, प्रकाश, अर्जुनलाल, भैरू, छोटू, राजू, खुशीराम, रामलाल, रामजस, मनीष, दिनेश, सुरेंद्र सहित दर्जनभर महिला पुरूष उसको और परिवार को डायन बताकर प्रताड़ित कर रहे है. सभी लोग मिलकर कह रहे हैं कि इस महिला को गांव से निकालों यह बच्चों को खा रही है और मंदिर में पूजा अर्चना भी नहीं करने दे रहे है.

साथ ही गांव की ही एक महिला के शरीर में बनावटी लोकदेवता लाकर पीड़िता को डायन होने का कलंक लगा रहे है. साथ ही पंच पटेलों ने पंचायत बुलाकर गांव से बहिष्कार करने का फरमान भी जारी कर दिया और ग्रामीणों पर दोनों पुत्रियों सहित उसके कपड़े फाड़ कर बेआबरू कर लज्जा भी भंग कर दी. जब हमने महिला और उसके परिवार से पूछा कि पुलिस के पास गए थे. किसी अफसर से शिकायत की. तो परिवार ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि साहब जाते तो जरूर लेकिन वो तो उल्टे ही हमें धमकाते डराते और हमें ही जेल में डाल देते. 

राजस्थान में डायन के नाम महिलाओं को प्रताड़ित करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी टोंक, भीलवाड़ा, राजसमंद सहित कई जिलों में ऐसे मामले सामने आ चुके है. सरकार तो सख्त कानून बनाने का दम भरती है.लेकिन कानून की बिगड़ती सूरत का हाल आपके सामने है. उम्मीद है कि समय रहते पीड़िता को न्याय मिलेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.