कोरोना को लेकर राजस्थान में 22 अप्रैल से 21 मई तक धारा 144 लागू
देश में कोरोना महामारी बड़ी तेजी से फैल रही है. दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान में अब कोरोना बेलगाम हो गया है. राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 12201 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 64 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया है.
नई दिल्ली:
देश में कोरोना महामारी बड़ी तेजी से फैल रही है. दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान में अब कोरोना बेलगाम हो गया है. राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 12201 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 64 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया है. वहीं, जयपुर में 1875 नए मामले सामने आए, जबकि जोधपुर में सबसे अधिक 17 लोगों की मौत हुई है. कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार ने राज्य में 22 अप्रैल से 21 मई तक सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है.
बढ़ते कोविड मामलों के मद्देनजर, राजस्थान सरकार ने मंगलवार को सब्जियां, दूध, किराने का सामान और दवाएं बेचने वाले और 45 या उससे ऊपर के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाए जाने का आदेश दे दिया है. राज्य लॉकडाउन लगा है, लेकिन आवश्यक सेवाओं को संचालित करने की अनुमति है, और इसलिए, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनमें लगे लोग कोरोना फैलाने का कारण न बनें.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव सिद्धार्थ महाजन द्वारा हस्ताक्षरित और सभी जिला कलेक्टरों को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि बैंक कर्मचारियों, उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों, फल और सब्जी और दूध विक्रेताओं, दवा विक्रेताओं, अखबार के फेरीवालों और मीडिया के लोगों को पहले टीका लगाया जाना चाहिए.
इनके अलावा, फ्रंट लाइन वर्कर्स (पुलिस, राजस्व, पेयजल, बिजली विभाग के कर्मी) जिनका अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है, लेकिन हॉटस्पॉट क्षेत्रों, प्रतिनियुक्ति क्षेत्रों में नियुक्त किए गए हैं, उनका भी टीकारण हो. यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका जीवन खतरे में नहीं है. प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाना चाहिए. 16 जनवरी से राज्य में अब तक 1.13 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है.
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