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राजस्थान में 1 सितंबर से खुलेंगे स्कूल, प्रार्थना सभाओं व खेलकूद पर रहेगा प्रतिबंध

राजस्थान में एक सितंबर से सरकारी व प्राइवेट स्कूल शुरू हो जाएंगे. स्कूलों में न सिर्फ बच्चों को दूर बैठाया जाएगा, बल्कि स्कूल आने का समय भी अलग-अलग होगा.

Updated on: 25 Aug 2021, 11:43 AM

highlights

  • राजस्थान में 1 सितंबर से शुरू होंगे सरकारी व प्राइवेट स्कूल
  • स्कूलों में छात्रों व शिक्षकों को करना होगा कोविड नियमों का पालन
  • लंच के लिए बच्चों को ओपन स्पेस कराना होगा उपलब्ध

जयपुर:

राजस्थान में एक सितंबर से सरकारी व प्राइवेट स्कूल शुरू हो जाएंगे. स्कूलों में न सिर्फ बच्चों को दूर बैठाया जाएगा, बल्कि स्कूल आने का समय भी अलग-अलग होगा. एक पाली स्कूल में 9वीं व 11वीं के स्टूडेंट्स को सुबह साढ़े सात बजे स्कूल आना होगा, जबकि 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स आठ बजे स्कूल आएंगे. दो पाली स्कूल में नौंवीं व ग्यारहवीं को साढ़े बारह बजे से साढ़े पांच बजे तक स्कूल में रहना होगा, जबकि दसवीं व बारहवीं के स्टूडेंट्स को एक से छह बजे तक स्कूल में रहना होगा. दोनों की छुट्‌टी में भी आधे घंटे का अंतर रहेगा. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने ऐसे ही नियमों की सलाह देते हुए सरकार को SOP (स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी कर दी है. खास बात ये है कि अगर कोई स्टूडेंट स्कूल नहीं आ रहा है तो उस पर दबाव नहीं बनाया जायेगा कि वो स्कूल आये.

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राज्य सरकार ने पिछले दिनों कक्षा 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए ऑफलाइन क्लासेज शुरू करने की घोषणा की थी. एक सितंबर से शुरू हो रही इन क्लासेज के लिए सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल को SOP की पालना करनी होगी. पिछले सेशन में भी स्कूल शुरू हुए तब भी SOP जारी की गई थी. इस बार लगभग वैसे ही निर्देश दिए गए हैं. खास बात ये है कि इस बार समय में फेरबदल किया गया है. 9वीं व 11वीं के स्टूडेंट्स सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े बारह बजे तक स्कूल आएंगे, जबकि 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स आठ बजे से एक बजे तक स्कूल में रहेंगे. 

खुली क्लास में बैठेंगे स्टूडेंट्स

शिक्षा विभाग ने सभी स्टूडेंट्स को खुली क्लासेज में बिठाने के निर्देश दिए हैं. जिन क्लासेज में खिड़की होगी, उसी क्लास में बच्चे बैठ सकेंगे. बंद और बिना खिड़की व रोशनदान वाले कमरे में क्लासेज नहीं लगाने की सिफारिश की गई है. हालांकि इसके लिए पेरेंट्स की अनुमति लेनी होगी. एक बार फिर ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं कि स्कूल को पेरेंट्स से ये लिखित में लेना होगा कि वो अपनी मर्जी से स्टूडेंट्स को स्कूल भेज रहा है और बच्चे कोविड नियमों का पालन करेंगे. अगर पेरेंट्स बच्चों को अनुमति नहीं देते हैं तो उस बच्चे के लिए आना अनिवार्य नहीं होगा. 

इन नियमों का पालन करते हुए चलेंगे स्कूल

स्टूडेंट्स के बीच में दो गज की दूरी रहेगी. एक ही टेबल पर अगर तीन स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था है तो वहां बीच की सीट खाली रहेगी. लंच के लिए बच्चों को ओपन स्पेस उपलब्ध कराना होगा. बच्चे लंच एक साथ नहीं करेंगे और वाटर बोटल भी घर से लेकर आएंगे. अगर नहीं लाए तो स्कूल से शुद्ध पानी देना होगा. इस दौरान स्टूडेंट्स और टीचर्स को फेस मास्क का उपयोग करना होगा. विद्यालयों में प्रार्थना सभा नहीं होगी. खेलकूद गतिविधियों पर भी रहेगी रोक. विद्यार्थी को पेन, कॉपी, पेंसिल का आदान-प्रदान नहीं करना होगा. लंच बॉक्स किसी के साथ शेयर नहीं करें. अन्य विद्यार्थियों से शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे. अपनी निर्धारित की गई सीट पर ही बैठेंगे. विद्यालय परिसर में अनावश्यक नहीं घूमेंगे. सभी अपनी पानी की बोटल, सेनेटाइजर अपने साथ रखेंगे. जुकाम, खांसी, बुखार होने पर विद्यालय नहीं आएं. स्कूल में एंट्री और एग्जिट पर टीचर की ड्यूटी रहेगी, जो मास्क लगाने वाले स्टूडेंट को ही आने व जाने देगा. बस में स्टूडेंट को सीट आवंटित की जाएगी और स्टूडेंट्स वहीं पर बैठेंगे. जो स्टूडेंट स्कूल नहीं आ सकेंगे, उन्हें ऑनलाइन अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी.

नियम बन गए, सरकार से मांगी है स्वीकृति

राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि शिक्षा विभाग ने नियम बनाकर होम डिपार्टमेंट को भेज दिए हैं, जहां से स्वीकृत आने के साथ ही स्कूल संचालकों व प्रिंसिपल को भेज दी जाएगी. SOP की अवहेलना करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उम्मीद है एक-दो दिन में SOP सार्वजनिक हो जाएगी.