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बगावत के सुर: सचिन पायलट बोले- हमसे किए गए वादे 10 महीने बाद भी पूरे नहीं

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राज्य में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्ति न होने पर सचिन पायलट ने हाईकमान पर निशाना साधा है. पायलट ने कहा है कि राजस्थान में समस्या सुलझाने में कमेटी पूरी तरह से विफल रही है.

Updated on: 08 Jun 2021, 05:09 PM

highlights

  • पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है
  • राज्य में कैबिनेट विस्तार न होने पर सचिन पायलट ने हाईकमान पर निशाना साधा है
  • यलट ने कहा है कि राजस्थान में समस्या सुलझाने में कमेटी पूरी तरह से विफल रही है

जयपुर :

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राज्य में कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्ति न होने पर सचिन पायलट ने हाईकमान पर निशाना साधा है. पायलट ने कहा है कि राजस्थान में समस्या सुलझाने में कमेटी पूरी तरह से विफल रही है. दरअसल, राजस्थान में पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी कांग्रेस की तीन सदस्यीय सुलह कमेटी की अब तक रिपोर्ट नहीं आने पर कांग्रेस में एक बार फिर विरोध के सुर उठने शुरू हो गए हैं. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने उनसे किए गए वादे पूरे नहीं होने पर नाराजगी जताई है. पायलट ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 10 महीने हो गए हैं और उनसे किए वादे पूरे नहीं किए हैं.

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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सचिन पायलट ने कहा कि राज्य में सुलह फॉर्मूला को लेकर हाईकमान ने जो कमेटी बनाई थी, वो 10 महीने बाद भी मामला सुलझाने में असफर रही. राजस्थान में कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन अभी तक कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिला है.

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कमेटी सदस्यों पर निशाना

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने हाईकमान की ओर से बनाई गई कमेटी सदस्यों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्य केसी वेणुगोपाल छह महीने से राजस्थान नहीं आए हैं, दूसरे सदस्य अजय माकन सिर्फ राजनीतिक नियुक्ति की बातें कह कर चले जाते हैं. अभी तक एक भी काम नहीं हुआ है. बता दें कि पिछले साल सचिन पायलट ने राजस्थान कांग्रेस के करीब डेढ़ दर्जन विधायकों के साथ गुरुग्राम के मानेसर चले गए थे, जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई थी. हालांकि हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद वे वापस कांग्रेस में लौटे. बाद में कांग्रेस ने पायलट मामले को सुलझाने के लिए एक कमेटी बनाई थी.