राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर अर्थव्यवस्था में सुधार के बजाय नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी जैसे मुद्दों पर ध्यान देने का आरोप लगाया. पायलट ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार एनआरसी और एनपीआर को लेकर भ्रम पैदा कर रही है. उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम (कांग्रेस) जिम्मेदार विपक्षी दल हैं. इसलिए सरकार से सवाल पूछना हमारी जिम्मेदारी है.’
उन्होंने कहा, ‘हम नागरिकता संशोधन कानून के पीछे की मंशा जानना चाहते हैं. लोगों के मन में संशय है क्योंकि केंद्र सरकार एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश की जनता में भ्रम पैदा कर रही है.’
पायलट ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनआरसी पर कोई बात नहीं हुई, वहीं उनके मंत्री कह रहे हैं कि सरकार पूरे देश में एनआरसी लागू करेगी.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार दावा कर रही है कि असम में उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत एनआरसी लागू किया गया. अब वे असम में एनआरसी पर नये सिरे से काम करने के बारे में सोच रहे हैं.'
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बता दें कि भारत के कई हिस्सों में सीएए और एनआरसी को लेकर बवाल मचा हुआ है. सड़क पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही है. उनका कहना है कि सीएए के जरिए देश को बांटना चाहती है सरकार. वहीं बीजेपी भी विपक्षी दलों के वार का करारा प्रहार कर रही है.
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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर संसद (Parliament) के अंदर चर्चा हुई. कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं था. इधर-उधर की बात करते रहे. बाहर निकलते ही इसमें भ्रम फैलाना शुरू किया गया और दिल्ली को अशांत किया गया. दिल्ली में अशांति के लिए टुकड़े-टुकड़े गैंग जिम्मेदार है. इसको दंड देने का समय आ गया है. दिल्ली की जनता को इस मामले में दंड देना चाहिए
Source : Bhasha