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जेल में मनाया रक्षाबंधन : बहनों ने कैदी भाइयों की कलाई पर राखी बांध अपराध से दूर रहने का लिया वचन 

जेलों में बंद बंदियों के व्यवहार में सुधार लाने और उन्हें अपराध की प्रवृत्ति से दूर रखने के मकसद से आयोजित किए गए रक्षाबंधन के त्यौहार पर जेल प्रशासन भी खासा उत्साहित दिखा.

Updated on: 11 Aug 2022, 01:57 PM

जयपुर:

रक्षाबंधन जयपुर सेंट्रल जेल के कैदियों के लिए भी खुशियां लेकर आया. प्रदेश की सबसे बड़ी जेल उस वक्त एक जलसे में तब्दील हो गई जब जेल में बंद हजारों बंदियों को राखी बांधने व उनसे राखी बंधवाने के लिए महिला व पुरुष यहां पहुंचे. इस दौरान जेल प्रशासन के इंतजामों से सभी बहनों व भाइयों को मिलने का मौका मिला. 2 साल से कोरोना के चलते जेल में राखी का त्यौहार बंद था लेकिन इस बार फिर से शुरू हुआ है.

राजस्थान में 2 साल से कोरोना का कहर था. इसी के चलते जेल में राखी का पर्व नहीं बन रहा था. लेकिन अब कोरोना कम होने के बाद एक बार फिर से जेल में खुशियों का त्योहार बनाया जा रहा है. इस बार भी रक्षाबंधन के त्यौहार पर जेल प्रशासन ने बंदियों को राखी बांधने के लिए विशेष इंतजाम किए. जेल प्रशासन की ओर से सुबह करीब 8 बजे से बहनों को जेल में बंद अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने का मौका दिया गया तो वहीं महिला बंदीगृह में भी भाइयों को अपनी बहनों से राखी बंधवाने का मौका मिला. धीरे-धीरे यहां लंबी कतारें लग गई. पहली बार जहां बड़े हॉल में बहनों को जेल में बंद अपने भाईयों से मिलने और उनकी कलाई पर राखी बांधने का मौका मिला तो वहीं जेल के बाहर खड़ी बहने अपनी बारी का इंतजार करती रही. यहां आने वाली बहनों को जेल प्रशासन ने तीन स्तरीय जांच व्यवस्था से गुजर कर अपने भाईयों को राखी बांधने का मौका दिया गया .

जयपुर सेंट्रल जेल में बंद अपने भाईयों से मिलने और उन्हें राखी बांधने के बाद यहां माहौल भावुक हो गया. मुलाकात कक्ष के बाहर आती बहनों की आंखों में आंसू दिखे और बार-बार वो अपने भाइयों से मिलने के लिए और वक्त देने की गुहार लगाती दिखी. राखी बांधने के बाद बाहर आई बहनों ने कहा कि राखी के त्यौहार पर उन्होंने अपने भाई से भविष्य में अपराध से दूर रहने का वचन लिया है.

जेलों में बंद बंदियों के व्यवहार में सुधार लाने और उन्हें अपराध की प्रवृत्ति से दूर रखने के मकसद से आयोजित किए गए रक्षाबंधन के त्यौहार पर जेल प्रशासन भी खासा उत्साहित दिखा. जेलर की माने तो जेलों में त्यौहार मनाने से बंदियों को सुधरने का अवसर मिलता है और उनमें समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने की भावना जाग उठती है तो वहीं जेल में बंद बंदी भी अनजाने में हुए अपराध के लिए पश्चाताप करते दिखे. बंदियों ने अपराध की दुनिया से दूर रहते हुए समाज की मुख्य धारा में वापस लौटने की इच्छा जताई . 

भाई-बहन का प्यार ही है जो बहनों को भाईयों तक खींच लाया. कई आपराधिक मामलों में सजा काट रहे इन भाइयों की जल्द घर वापसी की दुआ लिए इन बहनों ने जेल में बंद अपने भाईयों को रखी तो बांधी ही साथ ही भविष्य में अपराध से दूर रहने का वचन भी लिया.