राजस्थान : गर्भवती की मौत को लेकर प्रदर्शन, पथराव में पांच पुलिसकर्मी घायल
राजस्थान के चूरू जिले के हमीरवास थाना क्षेत्र के राजगढ़ तहसील के रामपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दो दिन पूर्व हुई एक गर्भवती महिला की मौत को लेकर रविवार को लोगों ने प्रदर्शन किया और इस दौरान हुई पथराव की घटना में एक थानाधिकारी सहित पांच पुलिसक
जयपुर:
राजस्थान के चूरू जिले के हमीरवास थाना क्षेत्र के राजगढ़ तहसील के रामपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दो दिन पूर्व हुई एक गर्भवती महिला की मौत को लेकर रविवार को लोगों ने प्रदर्शन किया और इस दौरान हुई पथराव की घटना में एक थानाधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गये. चूरू जिला पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख ने 'भाषा' को बताया कि रामपुरा पीएचसी में रविवार को कुछ महिलाओं और असामाजिक तत्वों ने जबरन घुसने कोशिश की. पुलिस दल ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो भीड़ ने पुलिस दल पर पथराव किया. उन्होंने बताया कि भीड़ द्वारा किये गये पथराव में सादुलपुर थानाधिकारी सहित पांच-छह पुलिसकर्मी घायल हो गये और एम्बूलेंस और उपखंड अधिकारी के वाहन में तोड़फोड़ भी की गई है. अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिये आसूगैस के गोले छोडे़ गये.
उसके बाद मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच फिर से वार्ता का दौर शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को फिर से वार्ता होगी. फिलहाल इलाके में शांति है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में भीड़ में गांव के लोगों के अलावा बाहर के भी लोग शामिल थे.घटना की पूरी वीडियोग्राफी की गई है और उसे देखकर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी. पुलिस ने बताया कि रामपुरा पीएचसी के बाहर धरने में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़, बसपा नेता मनोज न्यांगली, और रामसिंह कस्वां भी रविवार को मौजूद थे. चूरू जिलाधिकारी प्रदीप गावंडे ने 'भाषा' को बताया कि दो दिन पूर्व एक गर्भवती महिला प्रसव के लिये पीएचसी आयी थी जिसे चूरू के जिला अस्पताल में रेफर किया गया था वहां उसकी मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि महिला की मौत से नाराज परिजनों ने रामपुरा पीएचसी का स्टाफ बदलने, 104 एम्बूलेंस सेवा की जगह वहां 108 एम्बूलेंस सेवा लगाए जाने, चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर शनिवार को प्रदर्शन किया था. प्रशासन ने सभी मांगों को मान लिया और पीएचसी का पूरा स्टाफ बदल दिया गया. गावंडे ने कहा कि शनिवार को प्रशासन ने परिजनों की तीनों मांगें मांग ली थी इसलिये मृतका का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया गया था. अधिकारी ने कहा कि बाद में परिजनों ने दस लाख रूपये के मुआवजे की एक और मांग रखी.लेकिन परिजनों को बताया गया कि दस लाख रूपये के मुआवजे का प्रावधान जिला स्तर पर नहीं होने के कारण इस मांग का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा जायेगा और उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी.
उन्होंने कहा कि रविवार को दोपहर में प्रदर्शनकारियों ने पीएचसी पर पथराव किया. पथराव में सादुलपुर थानाधिकारी गुरू भूपेन्द्र सहित पांच छह पुलिसकर्मी घायल हो गये. गावंडे ने बताया कि गर्भवती महिला का अंतिम संस्कार अभी तक नहीं किया गया है. सोमवार को प्रदर्शनकारी अपनी मांग को लेकर फिर से धरना देंगे. फिलहाल इलाके में पूरी तरह शांति है और स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि पथराव करने वाले आरोपियों की पहचान कर कार्यवाही की जा रही है.
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