राजस्थान : कार्यशाला के नाम पर कांग्रेस की विधायकों की बाडे़बंदी की तैयारी
राज्यसभा की तीसरी सीट को जितने की कोशिश में जुटी सत्तारूढ़ कांग्रेस अब अपने समर्थक विधायकों को एकजुट रखने के लिए बाडे़बंदी की तैयारी में जुट गई है.
जयपुर:
राज्यसभा की तीसरी सीट को जितने की कोशिश में जुटी सत्तारूढ़ कांग्रेस अब अपने समर्थक विधायकों को एकजुट रखने के लिए बाडे़बंदी की तैयारी में जुट गई है. जयपुर में कांग्रेस ने अपनी पार्टी के साथ सरकार को समर्थन दे रही सभी छोटी पार्टियां और 13 निर्दलीय विधायकों का एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है. इसमें उन्हें अपने साथ कपड़े और जरूरी सामान भी लाने को कहा गया है. यही से कांग्रेस अपने विधायकों को बाडे़बंदी के लिए जयपुर से दूर उदयपुर तक ले जाएगी. दूसरी तरफ BSP ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस में मर्ज होने वाले अपने सभी 6 विधायकों को वोटिंग से रोकने के लिए स्पीकर को पत्र लिखकर कांग्रेस की मुश्किलें और भी बढ़ा दी हैं.
राजस्थान की 4 राज्यसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी के समर्थन से पांचवें उम्मीदवार ने अपना नामांकन पर्चा क्या जमा कराया कि कांग्रेस खेमे में अब बड़ी खलबली मच गई है. कांग्रेस ने जयपुर में एक पांच तारा होटल में अपने सभी विधायकों की एक कार्यशाला रखी है. जिसमें उदयपुर के नवचिंतन संकल्प पर चर्चा हो रही है, लेकिन इस कार्यशाला में समर्थन देने वाली छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों को भी शामिल किए जाने के बाद बाडेबंदी को हवा मिल गई है.
इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी भी दिन भर इन विधायकों के साथ मौजूद रहे. खुद पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी बाडेबंदी ओर इशारा किया है, लेकिन इन हालातों के लिए सीधे सीधे भाजपा को जिम्मेदार बता दिया.
पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि बीजेपी वाले बताए कि सुभाष चंद्रा से ट्रेनिंग देने आए हैं क्या? बीजेपी के लिए कुछ भी कहना आसान है. हम तो कार्यशाला कर रहे हैं. विधायकों को हम जमा करें इसमें कोई गुरेज नहीं है. हमें तीन प्रत्याशियों को जिताने के लिए 126 का पूर्ण बहुमत है. उनके पास नंबर नहीं है, लेकिन सभी प्रस्तावक बनाकर निर्दलीय उन्होंने उतारा है. उनका षड्यंत्र लोकतंत्र की हत्या के इरादे को हम जानते हैं. हमारे विधायकों की सुरक्षा करना और तीनों को पार्टी के सिम्बल पर जिताना हम जानते हैं. इसके लिए हम कहीं भी रहे, यह उनका विषय नहीं होना चाहिए. वे एक धनाड्य व्यक्ति को लाकर क्या संदेश देना चाहते हैं?
वहीं, बीजेपी ने इसे लेकर अब सवाल खड़े कर दिए हैं. बीजेपी की माने तो सरकार बचाने के लिए कांग्रेस पहले ही करीब 56 दिन अपने विधायकों को बाडेबंदी में रख चुकी है और अब फिर से यही दोहराकर बाडेबंदी का नया इतिहास रचेगी. लगे हाथों बाड़ेबंदी के लिए होटलों की बुकिंग के खर्चे पर भी भाजपा ने सवाल खड़े कर दिए हैं.
राजस्थान प्रतिपक्ष के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि भाजपा शासन की बातों को लेकर जनता के बीच जा रही है, हिम्मत है तो कांग्रेस सरकार भी अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाए. सात सितारा होटल में अबकी जब बाडेबंदी होगी तो 72 दिन पूरे हो जाएंगे. कौन इसका खर्चा कर रहा है, उन्हें किसका भय है. इसका जवाब देना चाहिए. हम पर विधायकों की खरीद के लिए 35 करोड़ देने का आरोप लगा रहे हैं, सरकार उनकी है जांच क्यों नहीं करवा लेती. ये कांग्रेस हम पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा रही है, लेकिन उन्होंने तो पूरा एलिफेंट ट्रेडिंग (BSP) की है.
अभी जहां कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट रखने की रणनीति तैयार कर ही रही है कि BSP के स्पीकर सीपी जोशी को लिखे एक पत्र ने उसकी परेशानियों को मानो दोगुना कर दिया है. BSP ने उनकी सदस्यता को लेकर अदालत में चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए अपने पत्र में पार्टी छोड़कर कांग्रेस में मर्ज होने वाले सभी 6 विधायकों को राज्यसभा चुनाव में वोटिंग से रोकने की गुहार लगाई है.
राजस्थान के बीएसपी प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह ने कहा कि 10 जून को प्रदेश में राज्यसभा का चुनाव होना है. 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में बहुजन पार्टी के 6 विधायक जीतकर आए थे उनका मामला दल विरोधी मामले के तहत सुप्रीम कोर्ट में दर्ज है. जिस पर जल्दी ही फैसला आने वाला है. ऐसे में हमने राज्यपाल और स्पीकर को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि वे बीएसपी के टिकट पर जीतकर आने वालों को वोट डालने से रोके. क्यों की बीएसपी ने फैसला किया है कि वह राज्यसभा चुनाव में इस बार किसी को भी वोट नहीं डालना चाहती है.
हालांकि, पत्र को लेकर पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा का कहना है कि बीजेपी कुछ भी कह और करा सकती है. उत्तर प्रदेश में सब करा चुकी है. यह समझना होगा कि उनका विलय हुए अरसा बीत चुका है. यह सब-ज्यूडिश मामला है. अब इस तरह दरख्वास्त करने का कोई मतलब नहीं है वे अब कांग्रेस के सम्मानित सदस्य है.
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