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राहुल की 'धैर्य' वाली टिप्पणी पर राजस्थान की सियासत में तेज हुई हलचल

मध्य प्रदेश में कांग्रेस में तोड़फोड़ कर सरकार बनाने के बाद अब महाराष्ट्र में शिवसेना में तोड़फोड़ की वजह से महा विकास अघाड़ी सरकार खतरे में पड़ती नजर आ रही है. इस बीच सियासी हलके में राजस्थान को लेकर भी अटकलें तेज हो गई है.

Updated on: 23 Jun 2022, 11:47 PM

highlights

  • मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र की घटना से कांग्रेस में बढ़ी हलचल
  • सचिन पायलट को साधने किए मुख्यमंत्री बनाने की अटकलें हुई तेज
  • पायलट के समर्थकों ने भी उन्हें सीएम बनाने की मुहिम की तेज

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में कांग्रेस में तोड़फोड़ कर सरकार बनाने के बाद अब महाराष्ट्र में शिवसेना में तोड़फोड़ की वजह से महा विकास अघाड़ी सरकार खतरे में पड़ती नजर आ रही है. इस बीच सियासी हलके में राजस्थान को लेकर भी अटकलें तेज हो गई है. खास तौर से राहुल गांधी के धैर्य वाले बान ने राजस्थान की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है. सचिन पायलट समर्थक उन्हें मुक्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं. उन लोगों का कहना है कि सचिन पायलट भले ही धैर्य रखते हों, लेकिन राजस्थान की जनता को बिल्कुल भी धैर्य नहीं है. सचिन पायलट को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री बनाया जाए. 

दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सचिन पायलट का जिक्र करते हुए कहा था कि 'कांग्रेस पार्टी धैर्य सिखाती है'. इस टिप्पणी ने राजस्थान में पार्टी नेतृत्व को लेकर कई तरह के अटकलों को जन्म दिया है.  दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ईडी की अपनी हालिया पूछताछ के अनुभव को साझा करते हुए, राहुल गांधी ने कहा था कि ईडी के अधिकारियों ने मुझसे उस धैर्य के बारे में पूछा जिसके साथ मैंने उनके सवालों का जवाब दिया. मैं 2004 से कांग्रेस में हूं. धैर्य हमारे अंदर है और पार्टी का हर नेता इसे समझता है.

बड़े नेताओं के बीच तेज हुई हलचल
फिर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सब्र सिखाती है. मैं 2004 से काम कर रहा हूं, सचिन पायलट यहां बैठे हैं, सिद्धारमैया जी यहां हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की टिप्पणी के बाद राजस्थान में पार्टी के नेता राज्य की राजनीति में बड़े बदलाव की संभावना को लेकर कयास लगा रहे हैं. राहुल गांधी के भाषण का वीडियो वायरल होते ही बड़े पदों पर बैठे वरिष्ठ नेताओं ने राजस्थान में यथास्थिति पर चर्चा करने के लिए एक-दूसरे को फोन करना शुरू कर दिया. एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा कि राहुल गांधी ने इस समय यह टिप्पणी क्यों की? ऐसा लगता है कि कुछ बड़ा पक रहा है.

सचिन पायलट भी कर चुके हैं बगावत
एक अन्य नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी अभी स्थिर दिख रही है, क्योंकि महाराष्ट्र में एक बड़ा ड्रामा चल रहा है, पायलट को फिर से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जा सकता है. 2020 में पायलट ने 18 विधायकों के साथ मानेसर जाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके तुरंत बाद, उन्हें राजस्थान पीसीसी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री दोनों के पद से हटा दिया गया. तभी से गहलोत और पायलट के नेतृत्व वाले दो गुटों के बीच शीत युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं.

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सचिन पायलट को सीएम बनाने की उठी मांग
मौजूदा कांग्रेस सरकार के साढ़े तीन साल के शासन में नेतृत्व परिवर्तन की कई चचार्एं हुई हैं, लेकिन गहलोत ने अपने विधायकों को साथ रखकर किले पर कब्जा जमा लिया है. इस बीच, पायलट अलग-अलग जगहों पर जाने और अपने फॉलोवर्स से मिलने में व्यस्त रहे. जब कांग्रेस विधायक हाल ही में राज्यसभा चुनाव से पहले उदयपुर में डेरा डाले हुए थे, पायलट को राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती शहरों का दौरा करते देखा गया, जहां उन्होंने बड़ी भीड़ को आकर्षित किया. अब राहुल गांधी के बयान ने नई अटकलों को हवा दे दी है, क्योंकि पायलट 2020 से बिना किसी पद के मौजूदा विधायक हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एक कट्टर पायलट समर्थक सुशील असोपा ने ट्वीट किया कि राहुल गांधी ने कहा कि सचिन पायलट धैर्य से बैठे हैं. पायलट धैर्य रख सकते हैं, लेकिन राजस्थान के लोग धैर्य नहीं रख सकते, क्योंकि वे पायलट को राजस्थान के सीएम के रूप में देखना चाहते थे.