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राज्यपाल ने ठुकराई गहलोत की सत्र बुलाने की मांग, टकराव के हालात

राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दोहरा झटका लगा है. एक तरफ जहां हाईकोर्ट ने आज अपने आदेश में यथास्थिति बनाने का आदेश दिया है तो वहीं अब राज्यपाल ने भी विधानसभा का सत्र बुलाने से इंकार कर दिया है

Updated on: 24 Jul 2020, 02:01 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दोहरा झटका लगा है. एक तरफ जहां हाईकोर्ट ने आज अपने आदेश में यथास्थिति बनाने का आदेश दिया है तो वहीं अब राज्यपाल ने भी विधानसभा का सत्र बुलाने से इंकार कर दिया है. राज्यपाल ने कोरोना संकट का हवाला देते सीएम अशोक गहलोत की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग ठुकरा दी है. राज्यपाल ने कहा है कि कोरोना संकच को देखते हुए अभी अभी विधानसभा सत्र बुलाना ठीक नहीं हैं. कई विधायक कोरोना से पीड़ित हैं. राज्यपाल के इस फैसले के बाद विधानसभा सत्र बुलवाने के मुद्दे पर राजभवन और सरकार में टकराव के हालात बन गए हैं. 

वहीं इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समझ से परे है कि राज्यपाल मंजूरी क्यों नहीं दे रहे हैं. राज्यपाल ने अब तक जवाब  नहीं दिया है. हमने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है.

गहलोत ने कहा कि राज्यपाल ऊपर के दबाव के कारण असेम्बली नहीं बुलाने दे रहे हैं. विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर कल पत्र दिया था. हमें उम्मीद थी कि आदेश रात को ही निकल जायेगा. उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास स्पष्ट बहुमत है. राजस्थान में प्रदेश की जनता, विधायक हमारे साथ हैं. कोरोना का शानदार मैनेजमेंट किया. डेमोक्रेसी खतरे में है. राज्यपाल से सामुहिक तौर पर रिक्वेस्ट करेंगे. गहलोत ने चेतवनी देते हुए कहा कि अगर प्रदेश की जनता राजभवन को घेरने आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं.

वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने भी यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है और सोमवार को फिर सुनवाई की बात कही है. वहीं बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर भाजपा विधायक मदन दिलावर ने हाईकोर्ट याचिका लगाई है.हाई कोर्ट सोमवार को इस याचिका पर भी सुनवाई करेगा.