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Rajasthan political crisis: राजस्थान में अब 19 अक्टूबर के बाद होगा नए CM का ऐलान

Rajasthan political crisis: राजस्थान में नए सीएम के लिए सचिन पायलट का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन अशोक गहलोत गुट के विधायक उनको सीएम नहीं बनाने पर जोर दे रहे हैं

Updated on: 26 Sep 2022, 07:56 AM

नई दिल्ली:

Rajasthan political crisis: राजस्थान में मुख्यमंत्री फेस को लेकर पैदा हुआ राजनीतिक संकट चरम पर पहुंच गया है. राज्य में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थकों के बीच टकराव की स्थिति है. ऐसे में कांग्रेस विधायक दल की बैठक को 19 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है. माना जा रहा है राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के ऐलान के लिए होने वाली विधायक दल की बैठक अब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव नतीजे आने के बाद ही होगी. जानकारी के अनुसार राजस्थान के सभी विधायक 19 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जाएंगे और सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखेंगे. इसके बाद ही मुख्यमंत्री पद के लिए नाम की घोषणा की जाएगी.

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव होना है

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव होना है, जिसके लिए अशोक गहलोत ने अपना नामांकन करने वाले हैं. क्योंकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी ने पार्टी में एक नेता एक पद का सिद्धांत लागू होने की बात कही है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष चुने जाते हैं तो उनको राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. ऐसे में राज्य के नए सीएम के लिए सचिन पायलट का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन अशोक गहलोत गुट के विधायक उनको सीएम नहीं बनाने पर जोर दे रहे हैं. यही वजह है कि अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. ऐसे में राजस्थान में बीती पूरी रात सियासी पारा चढ़ा रहा. 

राजस्थान में रविवार को नए सीएम के नाम के लिए फैसला होना था

दरअसल, राजस्थान में रविवार को नए सीएम के नाम के लिए फैसला होना था. जिसके लिए विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. लेकिन इससे पहले की विधायक दल की बैठक में कोई निर्णय लिया जाता कांग्रेस के 82 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया. जिसके बाद राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया. हालांकि मामले को शांत करने के लिए कांग्रेस आलाकमान की ओर से पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को लगाया गया, जिन्होंने अशोक गहलोत से संपर्क साथ लेकिन उन्होंने हाथ खड़े कर दिए. वहीं, दूसरी ओर सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जन खड़गे और अजय माकन को असंतुष्ट विधायकों से संपर्क साधने के लिए कहा गया. हालांकि दोनों नेता देर रात तक विधायकों को मनाने के प्रयास में जुटे रहे, लेकिन कोई बात नहीं बनी.