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कोटा में 106 बच्चों की मौत पर NHRC ने गहलोत सरकार से मांगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) कोटा में मासूम बच्चों की हो रही मौत पर राजस्थान सरकार से जवाब तलब किया है.

Updated on: 03 Jan 2020, 07:14 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में नवजात शिशुओं की मौत (newborn deaths) का सिलसिला नहीं थम रहा है. कोटा के जेके लॉन अस्पताल में शुक्रवार को 2 और नवजात की मौत हो गई है. इसके बाद मृतकों की संख्या 106 पहुंच गई है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) कोटा में मासूम बच्चों की हो रही मौत पर राजस्थान सरकार से जवाब तलब किया है.  

एनएचआरसी,दिसंबर, 2019 के महीने में राजस्थान के कोटा जिले के एक सरकारी अस्पताल में 100 से अधिक बच्चों की मौत के बारे में मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लिया है.

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एनएचआरसी ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए नोटिस जारी किया है. एनएचआरसी ने सरकार को इसके लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है.आयोग ने कहा कि नोटिस यह सुनिश्चित करने के लिये भेजा गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.

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वहीं,शुक्रवार को राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री रघु शर्मा ने जेके लोन अस्‍पताल का दौरा किया. इस मौके पर कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह ने बच्‍चों की मौतों को लेकर अस्‍पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं. उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों की मौतों पर लगाम लगाने की जिम्‍मेदारी अस्‍पताल प्रशासन, डॉक्‍टरों और नर्सों की थी. अस्‍पताल प्रशासन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है. छह करोड़ से ज्‍यादा रुपये इनके पास पड़े हैं. अगर अस्‍पताल में उपकरणों की कमी थी तो प्रशासन को खरीदना चाहिए था। इतने उपकरणों की तो जरूरत भी नहीं है.

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह समेत स्मृति ईरानी गहलोत सरकार निशाने पर ले चुकी हैं. इसके अलावा बसपा और सपा भी निशाना साधने में पीछे नहीं हैं. उन्होंने गहलोत सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है.