Bird Flu in Jaisalmer: राजस्थान के जैसलमेर जिले में बर्ड फ्लू ने का कहर देखने को मिला है. यहां अधिकारियों ने गुरुवार को मीडिया को सूचना दी कि लखमना तालाब में इस फ्लू के कारण 14 डेमोइसेल क्रेन की मौत हो गई है. ऐसे में अब पूरे वन विभाग और पशुपालन विभाग में कोहराम मच गया है. बताया जा रहा है कि डेमोइसेल क्रेन की मौत हाल ही में ओरण क्षेत्र में स्थित लखमना तालाब के पास हुई थी. इसके बाद वन विभाग ने इन मृत पक्षियों के सैंपल मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित एक लैब में भेजे थे, जहां परीक्षणों से बर्ड फ्लू के कारण इनकी मौत की पुष्टि हुई है.
प्रशासन ने कसी कमर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. उमेश वरंगतिवार ने बताया कि 11 जनवरी को लखमना तालाब के पास छह डेमोइसेल क्रेन मृत पाए गए थे, जबकि 12 जनवरी को दो, 13 जनवरी को दो, 15 जनवरी को तीन और 16 जनवरी को एक और क्रेन की मौत हो गई. मौके पर मौजूद वन विभाग और पशुपालन टीम ने बर्ड फ्लू के प्रोटोकॉल के अनुसार मृत पक्षियों को दफना दिया. डॉ. वरंगतिवार ने बताया कि इस दौरान प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है और पूरी तरह से सतर्क हो गया है.
बर्ड फ्लू से ऐसे होगा बचाव
जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने मीडिया को बताया कि बर्ड फ्लू को लेकर सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली गई. इसके नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए. कलेक्टर ने कहा कि इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हॉटस्पॉट क्षेत्र में लोगों और जानवरों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा, इलाके में सफाई और निगरानी पर भी खास फोकस रखा जा रहा है.
चिंता में आए लोग
इधर, जैसलमेर में स्थानीय लोगों के बीच बर्ड फ्लू के मामलों को लेकर चिंता का माहौल है. वन और पशुपालन विभाग के अधिकारी लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने में जुटे हैं. साथ ही लोगों को यह सलाह दी रहे है कि वे मृत पक्षियों से दूरी बनाएं और किसी भी संदिग्ध स्थिति को लेकर संबंधित विभाग को सूचित करें. इस घटना ने जैसलमेर और आसपास के क्षेत्रों में वन्यजीवों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिहाज से एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है और प्रशासन इसे गंभीरता से लेकर अपनी कार्रवाई लगा हुआ है.
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