फेरे लेने है तो दूल्हे का क्लीन शेव होना जरुरी, पंचायत का अजीबो-गरीब फरमान
फेरे लेने है तो दूल्हे का क्लीन शेव होना जरुरी, पंचायात का अजीबो-गरीब फरमानजाति और समाज के पंचों द्वारा फरमान जारी करना कोई नई बात नहीं है लेकिन राजस्थान के कुमावत समाज के पंचों ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जिसकी चर्चा जोरो पर है
नई दिल्ली:
फेरे लेने है तो दूल्हे का क्लीन शेव होना जरुरी, पंचायात का अजीबो-गरीब फरमानजाति और समाज के पंचों द्वारा फरमान जारी करना कोई नई बात नहीं है लेकिन राजस्थान के कुमावत समाज के पंचों ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जिसकी चर्चा जोरो पर है. शादी को लेकर अक्सर आपने दहेज़ नहीं लेने, पढ़ा लिखा होने, नशा नहीं करने जैसी शर्तों के बारे में तो सुना होगा अमगर राजस्थान के पाली जिले में संभवत:- पहली बार शादी को लेकर शर्त रखी गयी है कि दूल्हा क्लीन शेव होना चाहिए. अगर दाडी बढ़ी होगी तो ऐसे युवक की शादी नहीं होगी. हालाँकि इसके साथ ही हल्दी की रस्म पीले फूल से लेकर डेकोरेशन तक पर फिजूल खर्ची पर भी जुर्माना रखा गया है.
राजस्थान के पाली में कुमावत समाज के 19 गाँवों के पंचो की पंचायत में हुए फैसले का 8 वां बिंदू सभी का ध्यान खींच रहा है. जिसमे लिखा है विवाह एक संस्कार है और दूल्हे को इसमें राजा के रूप में देखा जाता है जबकि फिसलन के चलते दूल्हे कई प्रकार की दाढ़ी बनाकर रस्मे निभाते हैं. इसको लेकर पंचों ने तय किया है की समाज के युवाओं को शादी करनी होगी तो दूल्हे को क्लीन शेव होंगे तो ही फेरे होंगे. राजस्थान के बाहर रहने वाले समाज के युवाओं के लिए भी इसे जरुरी बताया गया है.
शादी के लिए दूल्हा क्लीन शेव होंना होगा , इसके साथ ही पंचायत ने और भी कई अहम् फैसले लिए हैं. डीजे पर बन्दोली निकाले जाने पर भी एतराज जताते हुए इसे रोकने को कहा है. शादी की रस्म के दौरान अफीम की मनुहार पर भी रोक लगाई गयी है. फैशन के नाम थीम बेस्ड होने वाली हल्दी की रस्म में पीले फूल से लेकर कपड़े और डेकोरेशन पर भी फिजूलखर्ची की तो जुर्माना का प्रावधान किया गया है. यह नियम पली जिले में रहने वाले समाज के अलावा उन लोगों को भी मानना होगा जो प्रवासी है। दरअसल 19 गाँव के 20 हज़ार प्रवासी गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण के अलग- अलग शहरों में रहते हैं, यदि वो वहां भी रस्म करते हैं तो उन्हें इन नियमों की पालना करना जरुरी होगा.
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