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पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में सरकार ने हाईकोर्ट में की अपील, सियासत गरमाई

दरअसल, 14 अगस्त को अलवर में निचली अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.

Updated on: 19 Oct 2019, 08:14 AM

highlights

  • पहलू खानन मॉब लिंचिंग केस में सियासत गरमाई. 
  • सरकार हाईकोर्ट में अपील करने जा रही है. 
  • राज्य सरकार ने 17 अगस्त को इस प्रकरण में एसआईटी का गठन किया था.

जयपुर:

पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले (Pehlu Khan Mob lynching Case) में निचली अदालत द्वारा सभी 6 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने के फैसले के विरोध में राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने भी हाईकोर्ट (High Court) में अपील कर दी है. इस अपील में सभी सबूतों को शामिल करते हुए नए सिरे से ट्रायल की गुहार की गई है. कल पहलू खान के परिजनों ने भी हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट नासिर अली नकवी के जरिए अपील दायर की गई थी.अपील को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है.
दरअसल, 14 अगस्त को अलवर में निचली अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. राज्य सरकार ने 17 अगस्त को इस प्रकरण में एसआईटी का गठन किया था. जिसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार की तरफ से अपील दायर की गई है. दीपावली के बाद इन अपीलों पर सुनवाई की तारीख तय होगी.

राजस्थान सरकार के तकनीकि शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से गम्भीर है. सरकार जांच के लिए एजेंसी का गठन कर सकती है, न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती. ऊपरी अदालत में अपील कर दी गई है अब न्यायालय को अपना निर्णय देना है. वहीं बीजेपी का कहना है कि अपील करना सरकार का अधिकार है, मगर इसकी आड़ में पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधना गलत है.

गौरतलब है कि 1 अप्रैल, 2017 को बहरोड़ थाना क्षेत्र में पहलू खानन और उसके बेटे गायों को लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ द्वारा उन्हें रोककर उनके साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी. इलाज के दौरान चार अप्रैल को पहलू खानन की मौत हो गई. इस मामले की पुलिस द्वारा चार्जशीट पेश होने के बाद लगातार सुनवाई हुई.

पहलू खानन के बेटों सहित 47 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सरिता स्वामी ने इस केस पर फैसला सुनाते हुए सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.