राजस्थान सरकार ने राज्य में ब्लैक फंगस को महामारी किया घोषित

Black Fungus an epidemic : देश में एक तरफ कोरोना से लोगों की जान रही है तो दूसरी तरफ कई राज्यों में ब्लैक फंगस ने अपना पांव जमाने लगा है. इसी क्रम में राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने ब्लैक फंगस को लेकर बड़ा फैसला किया है.

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Deepak Pandey
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राजस्थान सरकार ने राज्य में ब्लैक फंगस को महामारी किया घोषित( Photo Credit : फाइल फोटो)

Black Fungus an epidemic : देश में एक तरफ कोरोना से लोगों की जान रही है तो दूसरी तरफ कई राज्यों में ब्लैक फंगस ने अपना पांव जमाने लगा है. इसी क्रम में राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने ब्लैक फंगस को लेकर बड़ा फैसला किया है. राजस्थान सरकार (Rajasthan government) ने बुधवार को ब्लैक फंगस (Black Fungus) को राज्य में महामारी घोषित कर दिया है. राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के तहत घोषित किया गया है. कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का भी राजस्थान में आंकड़ा बढ़ रहा है, इसलिए विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने आदेश जारी किए हैं. 

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मप्र में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए बनेगी टॉस्क फोर्स

वहीं, मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस म्यूकॉरमाइकोसिस के उपचार संबंधी व्यवस्थाओं के लिये एक डेडिकेटेड टॉस्क फोर्स बनाई जाएगी. इस टॉस्क फोर्स को बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश भी जारी कर दिए हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग में कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस म्यूकॉरमाइकोसिस की प्राथमिक अवस्था में ही पहचान कर हर मरीज का उपचार करें. इस कार्य को जन-आंदोलन का रूप दिया जाए तथा हर जिले में इसकी जाँच की व्यवस्था हो. इस कार्य में निजी चिकित्सकों का भी पूरा सहयोग लिया जाए.

ब्लैक फंगस के लिए जो टॉस्क फोर्स बनाई जाएगी उसमें स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, संबंधित विभागों के ए.सी.एस. और पी.एस., ईएनटी विशेषज्ञ, डॉ. एस.पी. दुबे, डॉ. लोकेन्द्र दवे तथा अन्य एक्सपर्ट रहेंगे. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में पांच मेडिकल कॉलेज इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा में इसका निशुल्क उपचार किया जा रहा है. इसके उपचार के लिए निजी अस्पताल को भी चिन्हित किए जाएगा, जहां व्यवस्थाएं संभव हों.

ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने भी दस्तक दी है. यह बीमारी उन कोरोना संक्रमित हुए मरीजों पर ज्यादा असर कर रही है जो शुगर के पहले से मरीज है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस का इलाज अत्यंत महंगा हैं. प्रदेश में इसके निशुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.

50 मामलों के साथ गुरुग्राम बना ब्लैक फंगस का हॉटस्पॉट

गुरुग्राम में अब ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) के कई मामले सामने आ रहे हैं जो जिला स्वास्थ्य विभाग के लिए एक और चिंता का विषय बनता जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, गुरुग्राम में अब तक काले फंगस के करीब 50 मामले सामने आ चुके हैं और करीब 50 और लोगों के इस बीमारी से पीड़ित होने की आशंका है. 

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोविड से ठीक हुए लोगों में ब्लैक फंगस का संक्रमण पाया जा रहा है. अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर में भी ब्लैक फंगस के कुछ मामले सामने आए थे. हालांकि, दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या अधिक है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले चार पांच दिनों में ब्लैक फंगस के मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है.

अधिकारियों के अनुसार, संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एंटी फंगल दवा एम्फोटेरिसिन बी की अनुपलब्धता से निपटने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर के अस्पतालों को दवा उपलब्ध कराने के लिए एक समिति का भी गठन किया है.

डॉ वीरेंद्र यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गुरुग्राम ने कहा कि जिले में हमारे पास 50 मामले हैं और हमने शहर के सभी अस्पतालों को रोजाना नंबर अपडेट करने का निर्देश दिया है और स्वास्थ्य विभाग को प्राथमिकता के आधार पर सूचित किया है. स्वास्थ्य विभाग ने एक समिति का गठन किया है और अस्पताल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन मांगने वाले पैनल पर सीधे आवेदन कर सकते हैं.

Source : News Nation Bureau

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