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राजस्थान सरकार और गुर्जर आंदोलनकारियों के बीच नहीं बनी सहमति, आंदोलन जारी

राजस्थान सरकार और आंदोलन कर रहे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के बीच बृहस्पतिवार को बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई.

Updated on: 06 Nov 2020, 07:16 AM

जयपुर:

राजस्थान सरकार और आंदोलन कर रहे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के बीच बृहस्पतिवार को बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई. इस कारण आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर गुर्जरों का आंदोलन पांचवें दिन भी जारी रहा जिसके चलते राज्य के कुछ हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित है. गुर्जर आंदोलन के कारण पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल के हिंडौन सिटी—बयाना रेल खंड पर यातायात अवरूद्ध होने से लगभग आठ सवारी गाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से संचालित किया गया. आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोडी सिंह बैंसला के नेतृत्व में आंदोलनकारियों के भरतपुर जिले के बयाना के पीलूपुरा के पास दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग में पटरी पर बैठे होने के कारण रेलवे ने कई रेल गाड़ियों के मार्ग में बदलाव किया, वहीं रोडवेज ने कुछ बसों का संचालन बंद कर दिया.

कर्नल बैंसला ने बृहस्पतिवार को अधिकारिक तौर पर आंदोलन का नेतृत्व अपने बेटे विजय बैंसला को सौंप दिया. हालांकि 80 गुर्जर बाहुल्य गांवों के नेता उस समय मौजूद नहीं थे. गुर्जर अपनी छह मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है. इनकी मांगों में समझौते और चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार रिक्तियों को अधिसूचित करना, सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में पांच प्रतिशत आरक्षण व आरक्षण को संविधान की नौंवीं अनुसूची में शामिल करवाना शामिल है. इधर, नहरा क्षेत्र (बयाना के 80 गावों के सदस्यों) का प्रतिनिधिमंडल पुलिस महानिरीक्षक संजीव नार्जरी और भरतपुर के जिला कलेक्टर नथमल डिडेल से मिला और उन्हें आंदोलनकारियों को आदोलन खत्म करने के लिये संतुष्ट करने का आग्रह किया.

गुर्जर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार ने उनकी सभी मांगों को मान लिया है जबकि करीब 200—300 लोग पिछले पांच दिनों से रेल पटरियों पर बैठे हैु. उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों और आमजन को इस आंदोलन के चलते कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन ने गुर्जर आंदोलन के चलते मुंबई—दिल्ली रेल मार्ग और हिंडौन—बयाना सड़क मार्ग बंद होने के कारण पुलिस परीक्षा में बैठेने वाले अभ्यर्थियों को सुझाव दिया है कि वे परीक्षा केन्द्रों पर प्रस्तावित समय से दो घंटे पहले अपने वाहनों से पहुंचें. आरक्षण संघर्ष समिति के 80 गांवों के लोगों और जनप्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 31 अक्टूबर को जयपुर में मंत्रिमंडलीय उप-समिति के साथ चर्चा की थी जिसमें 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी.