राजस्थान के शिक्षा मंत्री और आरएसएस सदस्य के प्रस्ताव भर से इतिहास में बदलाव हो गया। मुगल बादशाह अकबर के बनवाए गए 'अकबर का किला' का नाम पिछले साल चुपचाप बदलकर 'अजमेर का किला और संग्रहालय' रख दिया गया। ये फैसला उप प्रभागीय न्यायाधीश के जुबानी आदेश भर से ही लागू हो गया।
इस किले का नाम बदलने के लिए कोई विशेषज्ञ समिति का गठन नहीं किया गया। शिक्षाविदों के पैनल ने किसी तरह की जांच करनी जरूरी नहीं समझी। सिर्फ राजस्थान शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी की मनमर्जी के चलते ये नाम बदल दिया गया। 1570 में बने इस किले का नाम राठौर, मराठा और ब्रिटिश शासन के दौरान भी नहीं बदला गया था।
किले का नाम बदलने के विरोध में मंत्री को एक लेटर डाक से 12 दिसंबर को भेजा गया था। लेटर में भेजने वाले ने अपनी पहचान तरन्नुम चिश्ती के रूप में बताई है। पत्र में मंत्री को धमकी दी गई है कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।
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बता दें कि देवनानी पहले भी अजीबोगरीब बयान देकर चर्चा में आ चुके है। हाल ही में इन्होनें कहा था कि गाय सबसे शुद्ध ऑक्सीजन छोड़ती है। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कह दिया था कि गोबर से रेडियोऐक्टिव तत्वों को बेअसर किया जा सकता है।
Source : News Nation Bureau