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राजस्थान संकट : CPL की बैठक में बोले CM गहलोत- जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन और पीएम आवास पर देंगे धरना

राजस्थान में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. जयपुर के फेयरमोंट होटल में शनिवार को कांग्रेस विधायक दल (CPL) की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी के षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.

Updated on: 25 Jul 2020, 04:01 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. जयपुर के फेयरमोंट होटल में शनिवार को कांग्रेस विधायक दल (CPL) की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी के षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी राष्ट्रपति भवन जाएंगे. राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री निवास पर भी धरना देना पड़ा तो देंगे. इस पर विधायकों ने हाथ उठाकर समर्थन जताया.

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने अपने विधायकों से एकजुटता और मजबूती बनाए रखने को कहा. उन्होंने विधायकों से कहा कि होटल में 21 दिन रहना पड़ सकता है. इस पर विधायकों ने हाथ उठाकर भरोसा दिलाया. सीएम ने कहा कि बहुमत हमारे साथ है. इससे पहले कांग्रेस ने 'भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड्यंत्र के खिलाफ' शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया.

कांग्रेस ये धरने-प्रदर्शन ऐसे समय में कर रही है, जबकि राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है. पार्टी के सारे विधायक व मंत्री हालांकि जयपुर के पास एक होटल में रुके हुए हैं इसलिए इन धरना-प्रदर्शनों की अगुवाई बाकी नेता कर रहे हैं. राजधानी जयपुर के साथ साथ जोधपुर व बीकानेर सहित अन्य जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन किए गए.

आपको बता दें कि राजस्थान सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर रात हुई बैठक में उन बिंदुओं पर विचार किया गया जो सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने उठाए हैं. मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार शाम 4 बजे होगी.

सूत्रों ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर शुक्रवार रात कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई. मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को फिर होगी. मंत्रिमंडल से मंजूरी के बाद ही संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा. उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने सरकार के पहले प्रस्ताव पर कुछ बिंदु उठाते हुए राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग से कहा कि वह इन बिंदुओं के आधार पर स्थिति पेश करे.